मुजफ्फरपुर : 40 दिनों के अंदर डीआरआइ को तीसरी बड़ी सफलता हाथ लगी है. फरवरी में एक हफ्ते के अंदर पटना व मुजफ्फरपुर की संयुक्त टीम ने दूसरी बार नकली नोटों की खेप पकड़ी है. रविवार तड़के बांग्लादेश से ला रहे 3.98 लाख की नकली नोटों की खेप के साथ सगे भाई को गिरफ्तार किया गया है.
वे नोट लेकर बस से बेतिया जा रहे थे. पूछताछ के दौरान उसके कई महत्वपूर्ण जानकारी डीआरआइ को दी है, जिसके आधार पर छापेमारी की जा रही है.
डीआरआइ के डिप्टी डाइरेक्टर डॉ विद्युत विकास को गुप्त सूचना मिली थी कि बांग्लादेश से नकली नोटों की खेप आने वाली है. इसके बाद पटना व मुजफ्फरपुर के अधिकारियों की एक टीम बनायी गयी. टीम को सदस्यों को सिलिगुड़ी से आने वाली बस पर नजर रखने को कहा गया था. रविवार तड़के गायघाट थाना क्षेत्र के मैठी टॉल प्लाजा के पास अधिकारियों ने बसों की तलाशी लेनी शुरू की. तड़के 3 बजे बेतिया जा रही ऐटिआना कंपनी की बस को रोक जांच की गयी.
सीट नंबर 19 व 20 पर बैठे दो युवकों को शक के आधार पर बस से उतारा गया. दोनों के पास से 3.98 लाख का नकली नोट मिला. उनकी पहचान पश्चिम बंगाल के मालदह जिला के कालिया चक निवासी सोजेबुल शेख व आलम शेख के रूप में हुई.
पूछताछ में बताया कि दोनों सगे भाई हैं. सभी नोट एक-एक हजार रुपये के है. दोनों ने नोट के दो-दो बंडल अंडरवीयर में छिपा कर रखा था. दोनों ने स्वीकार किया कि वे अधिकारियों को चकमा देने के लिए रूट बदल-बदल कर आ रहे थे. पूर्णिया में बेतिया जाने वाली ऐटिआना बस कंपनी के बस को पकड़ा था. अधिकारियों का कहना था कि पकड़ा गया छोटा भाई सोजेबुल शेख नकली नोटों के धंधे में कई सालों से शामिल है.
वह खुद बांग्लादेश जाकर खेप लेकर आया था. पकड़ा गया नोट हाई क्वालिटी का बताया जाता है. असली नोट के सभी फीचर नकली नोट में मिले हैं. यह खेप बेतिया से दिल्ली, मुंबई में सप्लाइ होनी थी. इसके पूर्व भी तीन फरवरी को मोतिहारी से अरेराज जाने वाली बस सौरभ ट्रैवल्स से 3.38 लाख के नकली नोट के साथ पश्चिमी चंपारण के नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिण टेलुआ निवासी दिलीप कुमार को गिरफ्तार किया गया था.
वही 12 जनवरी को डीआरआइ की टीम ने जंकशन के बाहरी परिसर से 9.94 लाख के नकली नोट के साथ दो तस्कर नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिणी टेलुआ निवासी प्रदीप यादव व रामछत्री यादव को गिरफ्तार किया था. दोनों नये रास्ते से नोट लेकर बेतिया जा रहे थे.
अब तक डीआरआइ 10 नोट तस्कर को गिरफ्तार कर चुकी है. सभी पश्चिमी चंपारण व पूर्वी चंपारण के ही रहने वाले है.