मुंबई:13 जुलाई 2011 को मुंबई में तीन जगह बम धमाके हुए थे, लेकिन तबाही की तैयारी इससे कहीं बड़ी थी. असल में शहर में 20 जगह धमाके किये जाने थे, लेकिन एक ‘मच्छर’ की वजह से ये बम धमाके नहीं हो पाये. 13/7 बम धमाकों के मुख्य आरोपी यासीन भटकल ने महाराष्ट्र एटीएस को यह जानकारी दी. यासीन और असादुल्ला को दो दिन पहले एटीएस की टीम दिल्ली से मुंबई लायी है.
वकास को हो गया था डेंगू
13/7 बम ब्लास्ट की जिन लोगों ने साजिश रची , उनमें एक वकास भी था. वकास, यासीन व अन्य आरोपियों की पहले जुलाई में नहीं, बल्कि जून में बम धमाकों की तैयारी थी. इसी दौरान वकास को डेंगू हो गया और इस वजह से वह जेजे अस्पताल में भर्ती हो गया और वह धमाकों के लिए जरूरी विस्फोटक मुंबई ला ही नहीं पाया. इंडियन मुजाहिदीन को इसी वजह से धमाकों की तारीख जुलाई महीने के लिए टालनी पड़ी.
20 स्थानों की हुई थी रेकी
यासीन व उसके लोगों ने 20 जगहों की रेकी की. इसमें एटीएस हेड क्वॉर्टर, मुंबई पुलिस मुख्यालय, डीजी ऑफिस, अंधेरी व जोगेश्वरी रेलवे स्टेशन, मुंबा देवी मंदिर, जुहू बीच, कोलाबा मार्केट, दादर में ईस्ट व वेस्ट दोनों जगह भीड़ भरे इलाके आदि शामिल हैं. यासीन ने जांच एजेंसियों को बताया कि सभी जगह ब्लास्ट के लिए प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया गया था. ये प्रेशर कुकर पायधुनी व ग्रांट रोड में दो अलग -अलग दुकानों से लिए गये थे. इन ब्लास्ट के लिए विस्फोटक सामग्री मेंगलूर से मंगायी गयी थी, जिसे लेने के लिए वकास व तवरेज नामक आरोपी विशेष तौर पर वहां गये थे. यासीन के अनुसार, दादर में दोनों जगह बम उसने व तहसीन ने रखे थे, जबकि असादुल्ला ने झवेरी बाजार में बम प्लांट किया था. ओपेरा हाउस में बम वकास नामक आरोपी ने रखा था. बम प्लांट के बाद सारे आरोपी भायखला स्थित हबीब मेंशन बिल्डिंग में आ गये थे, जबकि तहसीन मुंबई में कहीं और भाग गया था.