भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रो रमाशंकर दुबे शुक्रवार को राजभवन में योगदान देने के बाद विश्वविद्यालय स्थित आवास पर पहुंचे. देर शाम करीब नौ बजे पहुंचे प्रो दुबे का प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने स्वागत किया.
प्रो राय के साथ-साथ विश्वविद्यालय के अधिकतर पदाधिकारियों ने भी उनका स्वागत किया. इससे पूर्व प्रो दुबे ने बूढ़ानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की. स्वागत के बाद प्रो दुबे ने पत्रकारों को बताया कि विश्वविद्यालय की परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए विश्वविद्यालय परिवार व समाज के प्रबुद्धजनों की सहभागिता ली जायेगी. इसके लिए आनेवाले दिनों में यह व्यवस्था की जायेगी कि सप्ताह में एक दिन समाज के प्रबुद्धजनों व छात्रों से मिल सकें. उच्च शिक्षा की मुख्य धारा में भागलपुर विश्वविद्यालय को लाने के लिए उनसे सुझाव लिया जायेगा. विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालय व अध्यापक की मुख्य भूमिका होती है.
इसके बाद ही संस्था के प्रति छात्रों का विश्वास बढ़ेगा. इसके लिए यह भी जरूरी होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन पारदर्शी तरीके से काम करे और कार्य संस्कृति का विकास करे. उन्होंने कहा कि वे भागलपुर विश्वविद्यालय की सारी समस्या से अवगत हैं और यह भी जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक प्रो बिलग्रामी यहां के कुलपति रह चुके हैं. शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जायेगा. 40 दिन में रिजल्ट देने का प्रयास किया जायेगा, लेकिन इन सबसे पहले विश्वविद्यालय की तमाम स्थिति से वाकिफ होने की बात कुलपति ने कही.
इस मौके पर कुलसचिव डॉ ताहिर हुसैन वारसी, डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार, विकास पदाधिकारी डॉ इकबाल अहमद, कॉलेज निरीक्षक डॉ मणिंद्र सिंह, कुलानुशासक डॉ रामप्रवेश सिंह, विधि पदाधिकारी डॉ रतन मंडल, शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार झा आदि मौजूद थे.