नयी दिल्ली : माकपा नेता बासुदेव आचार्य ने आज समझौता एक्सप्रेस और कई अन्य विस्फोटों के आरोपी स्वामी असीमानंद के उन दावों की सीबीआई जांच की मांग की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस के नेतृत्व ने इन आतंकी कृत्यों को अपनी ‘सहमति’ दी थी. एक पत्रिका को असीमानंद द्वारा दिए गए एक ‘साक्षात्कार’ से उपजे विवाद के बीच आचार्य ने कहा कि सरकार को आगे बढ़कर इस पूरे मुद्दे की जांच करवानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘हम लंबे समय से इसके लिए कहते रहे हैं. अब असीमानंद के बयानों से साक्ष्य भी मिल गया। इस आधार पर सरकार को आगे बढ़कर सीबीआई जांच करवानी चाहिए.’’ संसद के बाहर आचार्य ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम हमेशा से अजमेर विस्फोट और ऐसे ही कुछ अन्य मामलों में हिंदू कट्टरपंथियों की भूमिका की संभावना के बारे में कहते रहे हैं. सीबीआई जांच के बाद सच सामने आ जाएगा.’’ आरएसएस के प्रवक्ता राम माधव ने ‘कारवां’ नामक पत्रिका को असीमानंद द्वारा दिए गए साक्षात्कार को एक ‘कूट रचना’ बताया है. इस साक्षात्कार में असीमानंद ने दावा किया था कि आरएसएस के नेतृत्व ने ‘हिंदू आतंकवाद षडयंत्र’ को अपनी सहमति दी थी. इसमें समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर शरीफ में हुए विस्फोट शामिल हैं.
कांग्रेस और बसपा समेत अन्य दलों ने इसे एक ‘गंभीर’ मुद्दा बताते हुए मांग उठाई कि इस मामले की पर्याप्त जांच के आदेश दिए जाने चाहिए और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. भाजपा और उसके सहयोगी दल शिवसेना ने भी आरएसएस के खिलाफ असीमानंद के आरोपों से जुड़ी मीडिया की खबरों को ‘आधारहीन’ बताते हुए खारिज कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों से पहले असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ‘गलत हथकंडे’ अपनाये जा रहे है. रिपोर्ट को खारिज करते हुए आरएसएस के विचारक एम जी वैद्य ने कहा कि कांग्रेस को इस ‘गलत प्रचार’ से कोई फायदा नहीं मिलेगा.