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टाटा सबलीज: टाटा बोर्ड से पास हुआ या नहीं, होगी जांच

जमशेदपुर: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमिताभ कौशल एवं कोल्हान आयुक्त के सचिव बिरसाय उरांव के साथ बैठक कर टाटा सब लीज मामले के विभिन्न मामलों की समीक्षा की. बैठक में उन्होंने सब लीज के लिए गठित एप्रोप्रिएट मशीनरी कमेटी (एएमसी) की लगातार बैठकें आयोजित […]

जमशेदपुर: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमिताभ कौशल एवं कोल्हान आयुक्त के सचिव बिरसाय उरांव के साथ बैठक कर टाटा सब लीज मामले के विभिन्न मामलों की समीक्षा की.

बैठक में उन्होंने सब लीज के लिए गठित एप्रोप्रिएट मशीनरी कमेटी (एएमसी) की लगातार बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया. उन्होंने एएमसी की बैठक कर टाटा स्टील द्वारा स्वीकृत सब लीज के 49 मामलों की इस दृष्टि से समीक्षा करने कि उनका टाटा बोर्ड से एप्रूवल लिया गया है या नहीं, का निर्देश देते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है. इसके अलावा श्री तुबिद ने बारीडीह में मेडिकल कॉलेज खोलने तथा कंपनी के विस्तारीकरण के तहत क्वार्टर तोड़े जाने जैसे मामलों में टाटा स्टील एवं सरकार के बीच लीज से संबंधित मामलों में भी एएमसी की बैठक में निर्णय लेने को भी कहा है. प्रधान सचिव ने सब लीज के तहत निर्मित भवनों के संबंध में 20 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है. प्रधान सचिव ने 2012 में सब लीज के मामले में दिये गये निर्देश की कंडिका 3 की समीक्षा बैठक में उक्त निर्देश जारी किये.

कंडिका 3 में स्वीकृत सब लीज की समीक्षा करने एवं जिन मामलों में सब लीज का औचित्य स्थापित नहीं हो रहा, उनमें स्पष्टीकरण मांगते हुए उसे रद्द करने के लिए नियमानुसार प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही इसकी समीक्षा करने का निर्देश भी दिया है कि कौन सा सब लीज मूल लीज अनुबंध के अनुरूप (अर्थात औद्योगिक, नागरीय एवं सांस्कृतिक विकास) की दृष्टि से जनहित में है और कौन निजी बिल्डर आदि के निजी व्यावसायिक हित में दी गयी है.

उपायुक्त हैं एएमसी के अध्यक्ष
सब लीज के मामलों के निष्पादन के लिए गठित एप्रोप्रिएट मशीनरी कमेटी (एएमसी) का अध्यक्ष उपायुक्त होता है, जबकि इसमें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के उप सचिव, एडीसी एवं टाटा स्टील के दो अधिकारी (मीना लाल एवं पार्थो सेनगुप्ता) सदस्य हैं. कुछ अधिकारियों का मानना है कि एएमसी पूर्व में ही भंग हो चुकी है. वैसे तो एएमसी पूर्व से कार्यरत है, लेकिन वर्ष 2005 में लीज समझौता होने के बाद उसे प्रभावशाली बनाया गया था. वैसे उक्त कमेटी की वर्ष 2008-09 के बाद से कोई बैठक नहीं हुई है.

49 सब लीज भूमि पर निर्माण कार्य पर थी रोक
सब लीज में अनियमितता की जांच की रिपोर्ट के बाद सरकार ने 2012 में सब लीज की 49 जमीनों में निर्माण कार्य पररोक लगाते हुए यथा स्थिति बरकरार रखते हुए सभी लीजियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद सभी निर्माण कार्यों पर रोक लग गयी थी. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने शर्त के साथ काम प्रारंभ करने का निर्देश दिया था.

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