सासाराम, नगरः जिले में तृतीय चरण के शिक्षक नियोजन प्रक्रिया समाप्ति के कगार पर है. शुक्रवार को नियोजन मेले का अंतिम दिन है. लेकिन, पिछले छह दिनों में नियोजन की स्थिति जो रही वह काफी निराशाजनक रही. अनियमितता को लेकर अभ्यर्थियों का आरोप प्रत्यारोप का दौर चला. रिक्तियों के मुताबिक मेले में अभ्यर्थी तो पहुंचे जरूर, लेकिन गलत नीतियों व नियम की वजह से उन्हें मौका नहीं मिल पाया. गुरुवार को दो दिवसीय पंचायत शिक्षकों की नियोजन प्रक्रिया प्रखंड मुख्यालयों में शुरू हुई. पहले दिन कैंप स्थल सुना रहा.
अभ्यर्थियों को नियोजित करने वाले नियोक्ता अपने आवंटित कमरा बैठे रहे, लेकिन अभ्यर्थी नहीं पहुंचे. जिला मुख्यालय स्थित उच्च विद्यालय चौखंडी पथ में सदर प्रखंड के पंचायत शिक्षकों को नियोजन पत्र बांटने का काम हुआ. इसमें पहले दिन दस पंचायतों में नियोजन पत्र बांटे गये. लेकिन, सबसे मजे की बात यह कि दोपहर बाद दो बजे मात्र नौ अभ्यर्थी ही काउंसेलिंग में पहुंच पाये थे. कई पंचायतों में नियोजन इकाई को बोहनी के रुप में एक भी अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हुए जो मेधा सूची में शामिल थे. कैंप स्थल पर मौजूद विभागीय अधिकारी सह बीइओ देवेंद्र बहादुर माथुर के मुताबिक पहले दिन दरिगांव, आकाशी, भदोखरा, धौदाढ़, करसेरूआ, बेलाढ़ी, करूप, गंसाडीह व अमरी पंचायत के लिए शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूरी की गयी, जबकि शुक्रवार को समरडीहा, करवंदिया, महद्दीगंज, मुरादाबाद, नहौना, रामपुर, सिकरियां व उचितपुर पंचायत में शिक्षकों का नियोजन किया जायेगा.
अमूमन यही स्थिति जिले के अन्य सभी प्रखंडों की भी रही. कैंप स्थल पर मौजूद नियोजन इकाई के पदाधिकारी बैठे रहे और अभ्यर्थी नहीं पहुंचे. जानकारों की मानें तो शिक्षक नियोजन प्रक्रिया सरकार की गलत नीतियों की भेंट चढ़ कर रह गयी है. रिक्ति से भी कम टेट पास अभ्यर्थी हैं तो इसके लिए काउंसेलिंग व अन्य प्रक्रिया अपनाने की क्या जरूरत है. साथ ही सरकार को चाहिए था कि जिले वार टेट पास अभ्यर्थियों की सूची शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा रिक्ति के अनुरूप सीधे तौर पर नियोजन पत्र बंटवाने का काम कर देती. लेकिन, सरकार ने ऐसा न कर बेरोजगार व अहत्र्ता रखने वाले अभ्यर्थियों को बेवजह परेशान कर रही है.