कोलकाता : निर्देशक दिबाकर बनर्जी का कहना है कि अपनी फिल्म ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’ की शूटिंग के दौरान वे यह देखकर चकित थे कि शहर में अभी भी 1945 के दशक की वही खूबसूरती विद्यमान है. दिबाकर (44) ने बताया, फिल्म निर्माण की योजना के दौरान वे इस बात को लेकर बहुत चिंतित थे कि वे अपनी फिल्म में किस तरह से उस दौर को चित्रित करेंगे क्योंकि शहर में गगनचुंबी इमारतों और बड़े बड़े शॉपिंग मॉल अब अपनी उपस्थिति दर्ज कराते दिखते हैं और इनके कारण शहर की काफी सूरत बदल चुकी है.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब मैंने शहर के उत्तरी और मध्य भाग का दौरा किया तब मैंने वहां उस दौर की आकर्षक पुरानी झलक देखी, जिनमें पुराने जमाने के क्वार्टर, संकरी गलियां, पुरानी इमारतें, ट्राम ट्रैक और इन सबसे उपर शांत इलाके शामिल थे.’’ यह पहली बार है जब निर्देशक ने शहर के उत्तरी और मध्य इलाकों में चितपुर, हतीबागान, कॉलेज स्टरीट और डलहौजी स्क्वायर (बीबीडी बैग) में शूटिंग के लिए कदम रखा.
दिबाकर ने कहा कि शूटिंग के पहले चरण में उन्होंने 1920 के दशक की ऑस्टिन एंड रेंजर्स जैसी कई पुरानी कारों, घोड़ा गाड़ी और पुरानी ट्राम कारों का इस्तेमाल किया और इसके लिए मैं कलकत्ता ट्रामवेज कंपनी को धन्यवाद देना चाहूंगा जिनके कारण यह संभव हो पाया. निर्देशक ने कहा कि डलहौजी स्क्वायर में अब भी ब्रिटिश काल की अनुभूति मौजूद हैं.