गोमो: ग्रैंड कार्ड सेक्शन पर भोलीडीह हॉल्ट-गोमो स्टेशन के बीच बुधवार की शाम एक बड़ी रेल दुर्घटना होते-होते बची. एक ही ट्रैक पर दो मालगाड़ी आगे-पीछे आ गयीं. गनीमत रही कि पीछे की मालगाड़ी के चालक दल तथा गार्ड ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दुर्घटना टाल दी. डाउन लाइन की दोनों मालगाड़ियों के बीच की दूरी आधा किमी से भी कम रह गयी थी.
सीनियर डीओएम वेद प्रकाश ने प्रभात खबर से इसे सिग्नल में आयी गड़बड़ी से उपजी परेशानी बताया है. रेल सूत्रों ने बताया कि बुधवार को डाउन लाइन पर काम चल रहा था. इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों ने तकनीकी वजहों से एफसीके मालगाड़ी को लाल झंडा दिखा कर शाम 4.40 बजे पोल संख्या 302/26 के पास रोक दिया.
..और एचएलएमटी को दिया सिग्नल : इधर, ब्लॉक क्लीयरेंस के बिना भोलीडीह हॉल्ट से एचएलएमटी मालगाड़ी को गोमो के लिए सिग्नल दे दिया गया़ यह गाड़ी 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी. लगभग आधा किमी की दूरी पर आगे खड़ी दूसरी मालगाड़ी को देख चालक दल के होश उड़ गये. तुरंत ड्राइवर व गार्ड में वॉकी-टॉकी पर मालगाड़ी को रोकने के लिए चर्चा होने लगी़ एचएलएमटी मालगाड़ी के चालक दल तथा गार्ड ने स्थिति भांपते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाया और कुछ दूर पहले ट्रेन को रोक दिया़ इससे एक भीषण दुर्घटना होने से बच गयी़
रेलवे ने दिये जांच के आदेश
पूरे प्रकरण में भोलीडीह हाल्ट तथा गोमो स्टेशन के संबंधित केबिन के बीच संवादहीनता की बात पता चलती है. वैसे वाकये के बाद धनबाद से क ई अधिकारियों के भोलीडीह हाल्ट जाने की खबर है़ धनबाद रेल मंडल ने मामले की आंतरिक जांच के आदेश दे दिये हैं.
कौन है दोषी
ट्रेनों के परिचालन में अगले स्टेशन का क्लीयरेंस मिलना जरूरी होता है. ऐसा होने पर ही पिछले स्टेशन से ट्रेन को छोड़ा जाता है. इस कार्य में संबंधित केबिन के स्टेशन मास्टर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. आज के वाकये के लिए कौन उत्तरदायी है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इसने रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है.