-भवन सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 में जल्द संशोधन करेगी सरकार
-अविवाहित महिला मजदूरों को भी शादी के लिए दिये जायेंगे पांच हजार रुपये
समस्तीपुरः कन्या विवाह योजना से अलग राज्य सरकार अब एक अन्य संशोधित योजना के तहत मजदूरों को उनकी बेटी की शादी के लिए पांच हजार रुपये देने की व्यवस्था करने जा रही है़. नयी व्यवस्था के तहत शादी के अलावा मजदूरों को उनके परिवार में किसी की मौत होने पर दाह संस्कार के लिए तीन हजार रुपये भी दिए जायेंगे. इसके लिए पुरानी नियमावली में संशोधन किया जा रहा है. शीघ्र ही इसकी अधिसूचना जारी की जायेगी़.
कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन. श्रम संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार मजदूरों के हित में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शत्त्रें विनियमन ) अधिनियम 1996 में संशोधन किया जा रहा है़ इसके तहत मजदूरों की सहायता के लिए बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है़. कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों के लिए मौजूदा नियमावली के तहत मजदूरों को उनकी बेटी की शादी के लिए दो हजार रुपये देने की व्यवस्था है, लेकिन संशोधित नियमावली को मंजूरी मिलने के बाद उन्हें पांच हजार रुपये मिलने लगेंग़े. यदि कोई महिला मजदूर शादीशुदा नहीं है तो उसकी शादी के लिए भी उसे पांच हजार रुपये देने का प्रावधान रहेगा़.
मातृत्व लाभ में होगी बढ़ोत्तरी
महिला मजदूरों को मातृत्व लाभ के लिए मिलने वाली राशि में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी होने जा रही है़ फिलहाल प्रति दो बच्चों तक एक हजार रुपये तक मातृत्व लाभ दिये जाने का प्रावधन है, लेकिन नियमावाली में संशोधन के बाद यह राशि बढ़कर पांच हजार रुपये हो जायेगी़.बिहार भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तहत मजदूरों को घर खरीदने के लिए पचास हजार रुपये तक ऋण देने और एक हजार रुपये तक चिकित्सा सुविधा देने की भी व्यवस्था है़.
श्रम संसाधन विभाग की पहल पर मजदूरों की मेहनत से प्रदेश में खड़ी हो रही गगनचुंबी इमारतों व सड़कों समेत सरकारी निर्माण क्षेत्रों को अब अपनी लागत राशि का एक प्रतिशत श्रमिकों के कल्याण राशि के रूप में जमा कराना पड़ रहा है़. दस लाख रुपये से अधिक की राशि से बने सभी अपार्टमेंट, सड़कों एवं पुल पुलिया के निर्माण पर श्रमिकों के लिए एक प्रतिशत राशि ‘सेस’ (उप कर) लिया जा रहा है़.
ऐसे ली जा सकती है राशि
महिला सदस्यों को उनके दो बच्चों की शादी के लिए भी राशि देने का प्रावधान है़. शादी के एक महीने के अंदर संबंधित गांव के मुखिया या वार्ड पार्षद से अभिप्रमाणित कर सहायता राशि ली जा सकती है़. जानकारी के मुताबिक, तीन हजार मजदूर जिले में निर्माण कार्य से जुड़े है़ं एक परिवार में चार सदस्यों के हिसाब से राज्य सरकार के इस कदम से करीब 12 हजार मजदूर परिवार को फायदा पहुंचेगा़. पूर्व में किसी मजदूर के परिवार के किसी सदस्य की मौत होने पर उसके दाह संस्कार के लिए एक हजार रुपये की सहायता दी जाती थी. नियमावली में संशोधन की मंजूरी के बाद यह राशि बढ़कर तीन हजार रुपये हो जायेगी़.