जमशेदपुर: बड़ी कंपनी, बड़ा नाम, अच्छा पैकेज, लेकिन संतुष्टि 100 फीसदी नहीं. खुद को संतुष्ट करने और समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए उन्होंने मारुति, कोटेक महिंद्रा, आइसीआइसीआइ बैंक और एयर इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों की नौकरी छोड़ दी. हम बात कर रहे हैं बिरसानगर निवासी संतोष शर्मा की. दरअसल संतोष शर्मा ने देश में सामाजिक बदलाव को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है.
फ्रीडम फाउंडेशन नामक अभियान के जरिये लोगों को मुफ्त में यह सिखाने का प्रयास किया जाता है कि आखिर कौन से तत्व किसी भी इनसान पर हावी हो कर उससे बुरा कर्म करवाते हैं. उनसे कैसे निबटा जाये, इसकी सीख भी लोगों को दी जा रही है. पूरे देश में यह अभियान चल रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पिछले साल नवंबर में इसकी शुरुआत दिल्ली एनसीआर से की गयी .पिछले एक सप्ताह से जमशेदपुर के अलग-अलग स्थानों पर किया जा रहा है.
अब्दुल कलाम से भी मिली है प्रशंसा
दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के दौरान ही उक्त अभियान से पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को भी अवगत कराया गया. उन्होंने संतोष शर्मा के अभियान की सराहना करने के साथ-साथ उन्हें अपने स्तर से लोगों को ऐसी शिक्षा देने का प्रयास करने का सुझाव दिया कि जिससे आज के बच्चे किसी दूसरे को अपना रोल मॉडल बनाने के बजाय अपने पैरेंट्स और टीचर्स को ही अपना रोल मॉडल मानें. जिस दिन ऐसा होने लगेगा, देश में बदलाव दिखने लगेगा.
ये हैं टीम में शामिल
टीएस प्रकाश : वाइस प्रिंसिपल, गुलमोहर हाइ स्कूल
राजेंद्र गुप्ता : ट्रेजरी ऑफिसर (झारखंड सरकार), रांची
विजेंद्र कुमार : इंटरप्रेन्योर, रांची
रोहित मोदी : आइआइटी (आइटी सेक्टर), फ्रांस
आरएन प्रसाद : एक्स हेड, प्रोजेक्ट इनफोसिस, बेंगलुरु
तेजस मोदक : इंस्ट्रक्टर एंड स्टोरी टेलर, पुणो
कृष्णा : डिजाइन हेड, नयी दिल्ली
कमलेश कु: रिसर्चर शेल, यूएसए
विजय टोप्पो: रिलेशनशिप, दिल्ली