आरा/सहार.
मंगलवार की सुबह चौरी थाना क्षेत्र के छपराबहुआरा गांव के लोगों का सामना तेंदुआ से हुआ. तेंदुआ को देखते ही लोगों के होश उड़ गये. ग्रामीणों द्वारा हो-हंगामा मचाने के बाद तेंदुआ हिंसक हो उठा. देखते ही देखते तेंदुआ ने पांच ग्रामीणों को पंजा से मारकर एवं काटकर घायल कर दिया. इस घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. सूचना मिलते ही जिलाधिकारी पंकज कुमार पाल, एसडीओ, एसडीपीओ तथा वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. जहां घंटों मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ा गया.तेंदुए के हमले में छपरा बहुआरा गांव निवासी विकास कुमार, श्रीराम सिंह, रवि शंकर, अशोक चौकीदार तथा सिकरहट्टा गांव निवासी शमशाद हुसैन जख्मी हो गये. प्रशासन के सहयोग से सभी घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया.इस घटना के बाद आसपास के गांव के लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी. भीड़ को काबू में करने के लिए प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. वहीं देर शाम वन विभाग की टीम ने तेंदुए को घायल अवस्था में पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान भेज दिया.
खौफ में गुजरे दो घंटे
तेंदुए को देख ग्रामीणों द्वारा हो-हंगामा मचाने के बाद तेंदुआ छपराबहुआरा गांव निवासी अवधेश कुमार के घर में जा घुंसा, जहां घर में सोनी देवी, अपने दोनों बच्ची सबिता कुमारी तथा नमीता कुमारी के साथ थी. अचानक घर में तेंदुए को देख उनके होश उड़ गये, जान बचाने के लिए घर में रखे चावल का कोठिला के समीप दोनों बेटियों को लेकर दो घंटे तक छिपी रहीं. ग्रामीणों ने खिड़की तोड़ कर महिला समेत दोनों बच्चों को सुरक्षित निकाला.
ऐसे आया पकड़ में
वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुआ जहां अपने को सुरक्षित महसूस कर छुपा हुआ था, विभाग के अधिकारियों एवं सुरक्षा प्रहरियों ने घर की घेराबंदी कर रेंजर द्वारा बेहोशी की गोली मारी गयी, जिसके बाद बेहोश होने के 10 मिनट बाद पकड़ा गया.
दहशत भी,मजा भी
एक तरफ इस घटना को लेकर ग्रामीणों में दहशत था, तो दूसरी तरफ इस तरह की वाक्या पहली बार देख कर उन्हें मजा भी आ रहा था. ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की घटनाएं आज तक टीवी और फिल्मों में ही देखा करते थे. यह सब कुछ आंखों के सामने हो रहा था. जिससे उनकों मजा भी आ रहा था और किसी अनहोनी आशंका को लेकर दहशत में भी थे.
ऐसे पहुंचा तेंदुआ
वन विभाग के डीएफओ सुनील कुमार ने बताया कि इस तरह का तेंदुआ औरंगाबाद के मदनपुर इलाके में पाया जाता है. संभवत: यह रास्ता भटक कर सोन के रास्ते पहुंचा होगा.