भागलपुर: शहर के कॉलेजों में जितने भी महिलाओं के छात्रावास हैं, उनमें सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं. लेकिन भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को इसकी जरूरत का एहसास होता भी नहीं दिख रहा है. यह स्थिति तब है, जबकि 31 दिसंबर की रात इंजीनियरिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल परिसर में छात्रों ने तोड़फोड़, पत्थरबाजी और जम कर हंगामा किया था. यही नहीं हंगामे के बाद एक छात्र ने कॉलेज की एक छात्र के साथ छेड़खानी की थी.
बावजूद इसके कॉलेज में न तो सुरक्षाकर्मी के पद स्वीकृत है और न ही अन्य साधनों से सुरक्षाकर्मी तैनात किये जा रहे हैं.शहर में स्थित अन्य महिला छात्रावासों की स्थिति पर गौर करें, तो तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी गल्र्स हॉस्टल के लिए पांच सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं.
इनकी ड्यूटी प्रत्येक आठ घंटे पर बदलती रहती है. लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी में एक अलग कैंपस में स्थित इन पांच छात्रावासों के लिए सुरक्षाकर्मी के छह पद स्वीकृत हैं. हालांकि जानकार मानते हैं कि यहां और भी सुरक्षाकर्मी की तैनाती होनी चाहिए. फिर भी हॉस्टल की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. सुंदरवती महिला कॉलेज परिसर में छात्राओं के लिए चार हॉस्टल हैं. इन हॉस्टलों की सुरक्षा के लिए कॉलेज के मुख्य द्वार सहित छात्रावास के गेट पर भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. हॉस्टल के लिए 24 घंटे गार्ड उपलब्ध रहते हैं, जिनकी ड्यूटी शिफ्ट में बदलती रहती है. यही नहीं कॉलेज के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा भी लगा हुआ है.
इसके उलट इंजीनियरिंग कॉलेज में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. इस परिसर में छात्राओं के लिए एक हॉस्टल है, लेकिन सुरक्षाकर्मी एक भी नहीं है. छात्राओं की असुरक्षा पर सवाल उठ चुका है, लेकिन कॉलेज प्रशासन इस दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है.