दावोस : दुनिया भर में लोगों की जासूसी करने की अमेरिकी कार्रवाई की आलोचना करते हुए मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि प्रौद्योगिकी के अत्याधुनिकीकरण और मोबाइल फोनों के व्यापक उपयोग से आम आदमी की निजता का उल्लंघन करना बहुत आसान हो गया है लेकिन जायज कारणों के बिना ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव सलिल शेट्टी ने बताया ‘‘भारत में यह समस्या गंभीर हो रही है जो कि जासूसी अभियानों के लिए अमेरिका की अपनी आलोचना को सही बताता है किन्तु उसे अपने यहां भी ऐसा नहीं करना चाहिए.’’
विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक से अलग शेट्टी ने कहा कि ‘‘जहां तक दुनिया भर में आम आदमी के अधिकारों का सवाल है तो अमेरिकी सरकार से जुड़ी ‘बिग ब्रदर’ की समस्या उसी तरह का एक बड़ा मुद्दा बन गई है जैसा कि 60 और 70 के दशक में मानवाधिकारों का और 70 तथा 80 के दशक में महिलाओं के अधिकारों का मुद्दा था. उन्होंने कहा ‘‘एक ओर तो मोबाइल फोन स्वाभाविक तौर पर बेहद उपयोगी हैं लेकिन दूसरी ओर इनकी वजह से ऐसी स्थिति भी पैदा हुई है कि सरकार तथा कंपनियां आप पर नजर रख सकती हैं.’’