मुजफ्फरपुर: जन शिकायत के निष्पादन में लापरवाही बरतना अधिकारियों को महंगा पड़ा है. जनता दरबार में आये मामलों की जांच रिपोर्ट नहीं सौंपने वाले पांच अधिकारियों पर डीएम अनुपम कुमार ने कार्रवाई की है.
सकरा बीडीओ, कुढ़नी सीओ पर प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया गया है. वही जिला सहकारिता पदाधिकारी, प्रखंड विकास अधिकारी साहेबगंज, आपूर्ति पदाधिकारी मीनापुर का वेतन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है. इन्हें शिकायतों की जांच कर समय पर रिपोर्ट देने की नसीहत दी गयी है. जनता दरबार में गुरुवार को 205 मामलों की सुनवाई हुई. इसमें 142 नये व 63 पुराने मामले थे. अधिकतर शिकायतें भूमि विवाद, ग्रामीण विकास, आंगनबाड़ी, जनवितरण प्रणाली से संबंधित थे.
भ्रष्टाचार की शिकायत पर नहीं की कार्रवाई : पुराने मामले की सुनवाई के दौरान सकरा ग्राम मिश्रौलिया के अखिलेश कुमार की पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच व कार्रवाई नहीं करने पर सकरा बीडीओ पर प्रपत्र क गठित किया गया है. कुढ़नी के विशुनपुर के वैद्यनाथ राय की शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने पर सीओ पर प्रपत्र क गठित किया गया है. इससे पूर्व भी भूमि विवाद मामले में भू-मापी प्रतिवेदन नहीं सौंपने पर कुढ़नी सीओ के वेतन पर रोक लगायी गयी थी. इसके बाद भी भूमि पैमाइश रिपोर्ट नहीं दी गयी.
प्रतिवेदन नहीं देने पर बीडीओ का वेतन रोका : सरैया ग्राम चकमाल में को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से वर्ष 2009 के फसल की बीमा का भुगतान नहीं करने के संबंध में चंदेश्वर भगत की गयी शिकायत पर जिला सहकारिता पदाधिकारी के वेतन बंद स्थगित कर दिया गया है. साहेबगंज के ग्राम परसौनी जहांगीर निवासी मो अब्दुल्लाह ने कब्रिस्तान के चाहरदीवारी का गेट व शिलापट्ट लगाने में गड़बड़ी की शिकायत की जांच प्रतिवेदन नहीं देने पर साहेबगंज बीडीओ के वेतन पर रोक लगायी है.