पटना: मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने कहा है कि भ्रष्ट लोक सेवकों को संरक्षण देने वाले अधिकारी भी सेवा से बरखास्त होंगे. अब तक 70 लोक सेवकों को भ्रष्टाचार के आरोप में बरखास्त किया जा चुका है. एक अप्रैल, 2006 से लेकर अब तक 578 लोक सेवकों को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. वैसे 880 लोक सेवकों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है.
सबकी बरखास्तगी तय है. विभागीय कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश सभी प्रमुखों को दिया गया है. गुरुवार को उन्होंने विभागीय प्रमुखों के साथ बैठक के बाद पुलिस प्रमुख व निगरानी के डीजी के साथ की गयी कार्रवाई की समीक्षा की. बैठक में पूरी तैयारी के साथ नहीं आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से जुड़े एक – एक फाइल की समीक्षा कर कार्रवाई करें. अगर ऐसा नहीं हुआ,तो वह स्वयं सभी फाइलों पर कार्रवाई करेंगे. अधिकतर मामलों में अभी तक विभागीय कार्रवाई शुरू भी नहीं हुई है. अगर कार्रवाई शुरू भी हुई है, तो वह विभिन्न स्तरों पर लंबित है.
कुछ ऐसे भी मामले सामने आये हैं जिसमें भ्रष्ट लोक सेवकों को संरक्षण देने में बड़े अधिकारी भी लिप्त हैं. संरक्षण देने वाले पदाधिकारियों को चिह्न्ति किया जा रहा है.
विभागीय प्रमुखों से मांगा गया सुझाव
मुख्य सचिव ने सभी विभाग के प्रमुखों से ब्योरा मांगा है. पूछा गया है कि उनके विभाग में भ्रष्टाचार के कितने मामले हैं. कितने घूसखोर लोकसेवक पकड़े गये. निलंबित कर जेल भेजा गया या नहीं. कहा कि सरकार की स्पष्ट मंशा है कि सरकारी पैसे से सरकार के खिलाफ किसी को मुकदमा लड़ने की इजाजत नहीं दी जायेगी. भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए गठित छह स्पेशल कोर्ट को भी सुनवाई कर जल्द फैसला देने के लिए कहा जायेगा. भ्रष्टाचार के विरुद्ध और ठोस कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए सभी विभागीय प्रमुखों से सुझाव मांगा गया है.