-बच्चों को नहीं मिलता मेनू के अनुसार भोजन-
समस्तीपुरः मिड-डे मील योजना की स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर स्थिति पर पहुंचती जा रही है. कई बार इसका खुलासा अधिकारियों के औचक निरीक्षण हुआ है. बावजूद स्थिति पूर्ववत है. उमवि डढ़िया बेलार, कपरूरी ग्राम में बुधवार को ग्रामीणों का आक्रोश बेवजह नहीं था. मध्याह्न् भोजन के लिए आया आलू सड़ रहा था. उसके बदबू के कारण भवन में जाने से लोग कतरा रहे थ़े वहीं चावल की थाक लगी बोरियों में से चावल धीरे-धीरे गायब हो जाते है. लेकिन विद्यालय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगती है.
पूछने पर पूर्व प्रभारी एचएम ने बताया कि चूहा चावल ले जाते हैं. आलू सड़ जाता है तो मैं क्या कर सकता हूं. ग्रामीणों का कहना था कि मेनू के अनुरुप व सही मात्र में भोजन बच्चों को नहीं दिया जाता है. भंडारण व सफाई की व्यवस्था को ताक पर रख अनियमितता बरतते हैं. विद्यालय में 2 शिक्षिका व 6 शिक्षक कार्यरत हैं. लेकिन कुछ भी बोलने से परहेज करते हैं. विद्यालय में वर्ग 1 से 5 तक 272 व 6 से 8 तक 229 छात्र नामांकित हैं. लगभग 350 छात्रों को मध्याह्न् भोजन देने का दावा जांच के बाद ही हकीकत साबित होगी. एडीएम प्रभारी ब्रजकिशोर लाल ने बताया कि लापरवाही व अनियमितता की जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
टोल फ्री नंबर जारी
मध्याह्न् भोजन संचालन को ले उत्पन्न स्थिति से अब बच्चों को निवाले के ही लाले पड़ रहे हैं तो आम लोग इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर पर कर सकते हैं. बिहार मध्याह्न् भोजन योजना निदेशालय ने इसकी कवायद शुरू करते हुए टोल फ्री नंबर (18003456208) जारी किया. इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति जिले के किसी कोने से फोन कर मिड डे मील से संबंधित शिकायत अथवा सुझाव दे सकते है. इस नंबर पर फोन करने पर पैसा नहीं लगेगा. शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी. जिले में 2086 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय हैं.इनमें 4 लाख 66 हजार 465 छात्र नामांकित हैं. इनमें औसतन हर माह 2 लाख 62 हजार 187 छात्र विद्यालयों में पकने वाले मध्याह्न् भोजन में शरीक होते हैं.