जमशेदपुर: लखाई हांसदा के जेल से छूटने के नौ माह बाद भी जमीन विवाद संबंधी कोई मामला सामने नहीं आया था. लखाई मजबूत होकर उभर रहे थे. भविष्य में झामुमो के बड़े नेता, विधायक बन सकते थे.
इसलिए इसे राजनीतिक हत्या की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. झामुमो की जिला प्रशासन से मांग है कि वह सभी संभावनाओं पर जांच करे और दोषियों को सजा दिलाये. चाहे वह कोई भी है. यह बात झामुमो जिलाध्यक्ष रमेश हांसदा ने कही. वह कदमा झामुमो कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान शंकर चंद्र हेंब्रम, प्रमोद लाल, लालटू महतो, सागेन पूर्ति, मिरजा सोरेन, राज लकड़ा व अन्य लोग मौजूद थे.
अपराधियों को गिरफ्तार करे पुलिस
श्री हांसदा ने कहा कि लखाई की हत्या से झामुमो कार्यकर्ता आक्रोशित है. उनकी मांग है कि पुलिस जल्द अपराधियों को गिरफ्तार करे. उन्होंने कहा कि लखाई की हत्या के कारण झामुमो तीन दिनों तक शोक मनायेगा. इस दौरान सांगठनिक कार्यक्रम, प्रखंड अध्यक्ष चुनाव नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वितीय श्रेणी के नेताओं को सुरक्षा प्रदान करे. लखाई की हत्या में झामुमो के डॉक्टर टुडू के नाम की चर्चा पर उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है. जांच में जो बातें सामने आयेंगी, उस आधार पर कार्रवाई होगी. दोषी -दोषी होता है. किसी दल का नहीं.
रमेश हांसदा को कारबाइनधारी अंगरक्षक मिला. झामुमो जिला उपाध्यक्ष लखाई हांसदा की हत्या के बाद जिला पुलिस द्वारा झामुमो जिलाध्यक्ष रमेश हांसदा को एक अंगरक्षक उपलब्ध कराया गया है. श्री हांसदा को रविवार देर रात कारबाइन धारी अंगरक्षक दिया गया है. रमेश हांसदा को पूर्व में तीन-चार बार फोन से धमकी मिली थी, जिसके बाद रमेश हांसदा ने एसएसपी को पत्र देकर सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी. पुलिस की ओर से सुरक्षा नहीं मिलने पर रमेश हांसदा अपने साथ राइफल लेकर चलने लगे थे.