जमशेदपुर: हम शिक्षक तैयार करते हैं और मैं ही बेटी के एडमिशन के लिए तरस गया. शहर के 10 स्कूलों में आवेदन किया था. यह कथन है वीमेंस कॉलेज में बीएड के व्याख्याता डॉ विशेश्वर यादव का. डॉ यादव विकलांग हैं.
वह सुबह से ही स्कूल व एडमिशन फार्म के नंबर की सूची बना कर एक से दूसरे स्कूल की दौड़ लगाते रहे. उन्होंने बेटा व बेटी दोनों के एडमिशन के लिए आवेदन किया था. बेटे का चयन तो सोनारी स्थित कारमेल जूनियर कॉलेज में हो गया है, लेकिन बेटी का कहीं भी चयन नहीं हुआ. इससे वे काफी मायूस थे.
वेटिंग लिस्ट तो जारी करे स्कूल. डॉ यादव ने कहा कि स्कूलों को कम से कम वेटिंग लिस्ट भी जारी करनी चाहिए. स्कूलों का कहना है कि सीट खाली रहने पर ही सेकेंड लिस्ट का प्रकाशन किया जायेगा, लेकिन इसकी तिथि तय नहीं है. ऐसे में हर दिन स्कूल जा कर पता कर पाना संभव नहीं है. स्कूलों को अभिभावकों की मजबूरी भी समझनी चाहिए. वेटिंग लिस्ट भी प्रकाशित हो जाने से अभिभावकों में थोड़ी आस तो रहेगी.