पटना/गुवाहाटी: असम के कोकराझार जिले में बोडोलैंड समर्थक उग्रवादियों ने शुक्रवार रात एक बस से उतार कर चार बिहारियों समेत पांच हिंदीभाषी यात्रियों की हत्या कर दी. हमले में दो अन्य घायल हो गये. मारे गये बिहारियों में सारण जिले के तीन व सीवान का एक व्यक्ति शामिल हैं. इसकी सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी व पुलिस अधिकारियों को तत्काल असम सरकार से संपर्क कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक बिहारी मूल के मृतकों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान मंजूर किया. इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद श्रम संसाधन विभाग के आप्रवासी बिहारी कल्याण योजना के तहत एक- एक लाख रुपये के अनुदान की मंजूरी दी गयी. प्रधान सचिव सुबहानी ने बताया कि बिहार सरकार के अनुरोध पर असम सरकार ने केंद्रीय योजना के तहत उग्रवादी हमले में मारे जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये और राज्य योजना से तीन-तीन लाख रुपये देने की मंजूरी दी है. गृह सचिव ने मृतकों की पहचान व उनके शवों को सुरक्षित बिहार लाने, आरोपी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध असम के गृह सचिव ज्ञानेंद्र त्रिपाठी से की है. स्पेशल ब्रांच के एडीजी ने असम पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से संपर्क कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली.
बसों व ट्रेनों में बढ़ायी गयी सुरक्षा
गृह सचिव ने बताया कि बिहार में असम की घटना को लेकर प्रतिक्रिया में किसी प्रकार की क्षति असम के लोगों को नहीं पहुंचायी जाये. इसके लिए राज्य पुलिस मुख्यालय के माध्यम से सभी जिला पुलिस व रेल पुलिस को बसों व ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
मृतकों का अंतिम संस्कार राजकीय खर्च पर होगा
गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि सभी मृतकों का अंतिम संस्कार राजकीय खर्च पर कराया जायेगा. मृतकों के शवों को सुरक्षित सड़क मार्ग से असम सरकार की खर्च पर बिहार लाया जायेगा. फिलहाल, असम के कोकराझाड़ के जिला अस्पताल में मृतकों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. मृतकों की पहचान कर ली गयी है. उनके छपरा व सीवान स्थित पैतृक घरों पर स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों को परिजनों से संपर्क करने के लिए भेजा गया है.
तीन सारण के
छपरा (सदर):असम के कोकराझाड़ जिले में बोडो उग्रवादियों के हमले में जिले के तीन मजदूर वर्ग के लोगों की मौत की खबर के बाद उनके परिजनों में कोहराम मच गया. इसुआपुर थाना क्षेत्र के बंगरा गांव के पप्पू कुमार सिंह तथा मढ़ौरा थाने के रामपुर निवासी रासबिहारी गिरि व अवध बिहारी गिरि की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में चीत्कार व क्रंदन की स्थिति उत्पन्न हो गयी. जिसने जहां इस दु:खद खबर को सुना, वहीं विस्मय में डूब गया. एसपी वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि तीनों का शव रविवार को छपरा आयेगा. उनका सरकारी खर्च पर अंतिम संस्कार किया जायेगा. वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष व आपदा कोष से भी एक -एक लाख रुपये देने की सरकार ने घोषणा की है. एसपी ने कहा कि स्थानीय थानों को सूचित कर दिया गया है. वहीं, सरकार के निर्देश के आलोक में आवश्यक तैयारी की जा रही है.
यही नहीं, उग्रवादियों के हमले के बाद असम में रह रहे अन्य मजदूर वर्ग के लोगों को भी अपने परिजनों के सुरक्षा को लेकर परेशानी देखी गयी. वहीं, कई मजदूर वर्ग के लोगों द्वारा अपने परिजनों के हाल-चाल लेते देखा गया. इसुआपुर से मिली जानकारी के अनुसार बंगरा गांव निवासी 27 वर्षीय पप्पू कुमार सिंह अपने बड़े भाई के पास नौकरी के लिए जा रहा था, इसी दौरान यह घटना हुई.
चार में से एक सीवान का लाल
भगवानपुर हाट (सीवान):जिले का एक और लाल असम में हिंसा की भेंट चढ़ गया. जानकारी के अनुसार, असम के कोकराझाड़ जिले में उल्फा उग्रवादियों ने जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के ब्रहृस्थान गांव निवासी शमशेर मंसूरी की गोली मार कर हत्या कर दी.
बताया जाता है कि शमशेर अपनी बहन (जिसकी शादी तरैया थाने के पथरेड़ा गांव में हुई है) को पहुंचाने तेजपुर जा रहा था. उसकी बहन के ससुराल वाले व्यवसाय के सिलसिलें में वही रहते हैं. वहीं जाने के क्रम में बस से उतार कर दस लोगों को गोली मार दी गयी, जिसमें तीन छपरा जिले के और सीवान के शमशेर भी शामिल थे. बताते चलें कि 20 वर्षीय शमशेर बीएसी का छात्र था. उसके पिता मो शहाबुद्दीन पश्चिम बंगाल में कार्यरत हैं. शमशेर तीन भाइयों में दूसरा था और उसकी चार बहनें भी हैं. शमशेर के परिवार के सदस्यों को घटना की जानकारी मिल गयी है.