मधुबनीः जिले में मानवीय आदर्शो एवं कानून की रक्षा के लिये अभियान चलेगा. इसकी प्रक्रिया जिले में शुरू हो गई है. इस अभियान के माध्यम से समाज को प्रभावित करने वाली बुराइयों से निजात दिलायी जायेगी. इस अभियान को जेआरसी मूवमेंट के नाम से जाना जायेगा.
क्या है जेआरसी मूवमेंट
सभी मिडिल स्कूलों में जूनियर रेड क्रॉस स्वयं सेवक बनाये जायेंगे. सरकार का मानना है कि आज के बच्चे ही कल के लीडर होंगे. इसे ध्यान में रखते हुए सभी मिडिल स्कूलों में कम से कम 20 और अधिकतम 100 जेआरएस की टीम बनेगी.
इनके काउंसलर उनके शिक्षक होंगे. बालक या बालिका दोनों जेआरसी मूवमेंट का सदस्य बन सकते हैं. हाइस्कूलों में यूथ रेडक्रॉस स्वयं सेवक होंगे. 8 से 17 साल तक के सभी बालक बालिका जो मिडिल या हाई स्कूल में नामांकित है इसके मेंबर बन सकते हैं.
कराना होगा निबंधन
सभी जूनियर और यूथ रेड क्रॉस स्वयं सेवकों को इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी में फॉर्म भर कर सदस्य बनने के लिये आवेदन देना होगा.
इस काम में उनके शिक्षक काउंसलर के रूप में उनकी मदद करेंगे. इस काम के लिये शिक्षकों को प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. बिहार राज्य में सिर्फ सीतामढ़ी और रोहतास जिले में छात्र छात्रओं ने मूवमेंट को गति दी है और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनायी है. ओड़ीसा, पंजाब, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, नई दिल्ली के छात्र छात्रओं ने इस कार्यक्रम को अभी तक अपने अपने राज्यों सफलतापूर्वक लागू किया है और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है. बिहार इसमें काफी पीछे है. मिडिल स्कूल में जेआरसी का अलग अकाउंट होगा.
मनेगा सुरक्षा सप्ताह
जिले में जनवरी 2014 में ही जूनियर और यूथ रेडक्रॉस के सदस्यों द्वारा भूकंप सुरक्षा सप्ताह मनाया जायेगा. स्कूली छात्र छात्रएं लोगों को भूकंप के दौरान बचाव की जानकारी देंगे. कार्यक्रम सभी स्कूलों में होंगे. इसका आयोजन हेड मास्टर करेंगे. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के संभाग प्रभारी पंकज कुमार चौधरी व जावेद इकबाल इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देंगे.
क्या कहते हैं अधिकारी
डीपीओ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान रामाश्रय प्रसाद ने बताया कि सभी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में यह कार्यक्रम जनवरी 2014 में ही चलाया जायेगा. अधिक से अधिक जेआरसी और यूथ यूनिट खोलने का हेडमास्टरों को निर्देश जारी कर दिया गया है.