न्यूयार्क : अमेरिका के एक जज ने मैनहट्टन के शीर्ष अभियोजक प्रीत भराड़ा को भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मोशन पर जवाब देने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया है. देवयानी ने खुद पर लगे वीजा जालसाजी के आरोपों के खिलाफ अभियोग खारिज करने की मांग की है.
उनके वकील डेनियल अर्शेक ने 14 जनवरी को यूएस डिस्ट्रक्टि कोर्ट में 13 पन्नों का एक प्रस्ताव दाखिल किया है. 39 वर्षीय देवयानी की ओर से दाखिल किए गए इस मोशन में उनके खिलाफ अभियोग खारिज करने, जमानत की, उनकी गिरफ्तारी का कोई भी खुला वारंट समाप्त करने की और आरोपों को लेकर उनके प्रत्यर्पण के लिए आग्रह पर लगाई गई शर्तें समाप्त करने की मांग की गई है.
भारतीय मूल के प्रीत भराड़ा ने अमेरिकी जिला जज शीरा शीन्डलिन को कल, देवयानी के मोशन पर सरकार का व्यापक विरोध दाखिल करने के लिए 31 जनवरी तक का समय और अनुमति देने की मांग की. अर्शेक ने कहा कि मोशन पर जवाब देने के लिए अभियोजन पक्ष को 28 जनवरी तक केवल 14 दिन का समय दिया जाना चाहिए.
अर्शेक ने कहा कि मामले का शीघ्र समाधान जरुरी है. उन्होंने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिए जाने की अभियोजन पक्ष की मांग से वह सहमत नहीं हैं.
अर्शेक भारतीय राजनयिक के खिलाफ अभियोग और कार्रवाई को खारिज करने के लिए अदालत के आदेश की मांग कर रहे हैं. 12 दिसंबर को देवयानी की गिरफ्तारी और उन पर अभियोग लगाया जाना, देवयानी के दर्जे की वजह से कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं था. लेकिन उनके मोशन को लेकर मामले को खारिज करना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में है.
जज ने भराड़ा का 31 जनवरी तक का समय देने का आग्रह स्वीकार करते हुए कहा कि देवयानी के, अपने खिलाफ अभियोग खारिज करने संबंधी मोशन पर सरकार का संक्षिप्त विरोध 31 जनवरी तक दाखिल किया जाना चाहिए और यह 25 पन्ने का हो सकता है. इसके बाद जज ने आदेश दिया कि सरकार के विरोध पर देवयानी का जवाब 7 फरवरी को दाखिल होना है.