गया: गया शहर का पानी इतना दूषित है कि लोगों को मिनरल वाटर (पानी) पीना मजबूरी बन गया है. आमतौर पर टीडीएस (टोटल डिसॉल्वड सॉलिड) की मात्र इतनी अधिक है कि पानी में घुलनशील कचरे व कीड़े आसानी से नजर आ जाते हैं. इससे लोग सामान्य पानी पीने से परहेज करते हैं. यहां के पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड, यूरिया, आयस की मात्र अधिक है. वहीं, फल्गु नदी भी गंदगी की वजह से इतनी प्रदूषित हो गयी है कि वह भी शुद्ध पानी देने लायक नहीं रही.
शहर के आस-पास के खेतों में इतना केमिकल डाला गया है कि भूमिगत जल भी प्रदूषित हो चुका है. ऐसे में शुद्ध व शोधित जल के नाम पर सप्लाइ किया जा रहा पानी भी दूषित है. पहला कारण- शुद्ध पानी में टीडीएस का जो मानक है, उससे सौ प्रतिशत से ज्यादा मात्र सप्लाइ किया जाता है. दूसरा कारण- जगह-जगह पाइप के फटे होने से धूल-मिट्टी व कचरा पानी में घुल कर घरों
तक पहुंच जाता है. ऐसे में शोधन व प्यूरीफाइ करने का क्या मायने रह जाता है? शायद इसी की वजह से पिछले पांच-सात वर्षो में आरओ (रिवर्स ओसमोसिस) की डिमांड बढ़ी है. सच पूछिए तो गया शहर में फिलहाल करीब डेढ़ लाख लीटर हर दिन आरओ व फिल्टर्ड पानी की खपत है.
टीडीएस की मात्र जानलेवा
गया के पानी में मिट्टी, बालू जैसे अघुलनशील तत्व तथा आर्सेनिक, फ्लोराइड, यूरिया व आयस जैसे घुलनशील रासायनिक तत्वों की मात्र अधिक है. इससे कई तरह की बीमारियां जन्म ले रही हैं. आमतौर पर पीने के पानी में टीडीएस की मात्र 100-150 प्रतिशत होनी चाहिए. लेकिन, गया शहर में सप्लाइ होने वाले पानी में कहीं टीडीएस 1000 प्रतिशत तो कहीं पर 1600-1800 प्रतिशत है.
मिनरल वाटर के 20 प्लांट
प्यूरीफाइ मिनरल वाटर का गया में करीब 20 प्लांट हैं, जिनमें कई जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर भी चलाये जा रहे हैं. मिनरल वाटर की सील्ड बोतल बनानेवाली कंपनी भी गया में पांच की संख्या में है. इनमें स्टार एक्वा, एक्वा टेक, खुशी आदि हैं. लेकिन, इन प्लांटों में कभी प्रशासनिक जांच नहीं होती. शायद प्रशासन के पास दूषित पानी का मापक यंत्र नहीं है. घुघरी टांड़ में जल जांच केंद्र है, जिसे कभी खुला नहीं पाया जाता. वहां कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी का नाम व पहचान कोई नहीं जानता है. ऐसे में प्लांट का प्यूरीफाइ मिनरल पानी जो शहर में रोज सप्लाइ हो रहा है, क्या वह मानक के अनुसार शुद्ध है? या वह भी लोगों को मीठा जहर देकर बीमार कर रहा है. जरूरत है यहां सरकारी तौर पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की. समय-समय पर आरओ व मिनरल वाटर प्लांट को जांच कर नियंत्रित करने की. यों गया में नामी-गिरामी कंपनी केंट, आशीर्वाद, एक्वा फ्रेस, एक्वागार्ड, प्यूरिट, बजाज आदि कंपनी के आरओ व फिल्टर बाजार में उपलब्ध हैं. आरओ 14, 000 से अधिक व फिल्टर 1800 से अधिक कीमत पर यहां उपलब्ध है.