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राहुल का हताश पार्टी कार्यकर्ताओं में नयी जान डालने का प्रयास

नयी दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मुख्य प्रचारक की कमान सौंपे जाने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हताश कार्यकर्ताओं मेंनयीजान फूंकने की कोशिश की और ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’‘ का नारा देने तथा ‘‘विभाजनकारी ‘‘ राजनीति अपनाने के लिए प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर तगड़ा निशाना साधा. यहां दिनभर […]

नयी दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मुख्य प्रचारक की कमान सौंपे जाने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हताश कार्यकर्ताओं मेंनयीजान फूंकने की कोशिश की और ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’‘ का नारा देने तथा ‘‘विभाजनकारी ‘‘ राजनीति अपनाने के लिए प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर तगड़ा निशाना साधा.

यहां दिनभर चले एआईसीसी के सत्र में राहुल और सोनिया गांधी ने भाजपा को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश को सांप्रदायिक ताकतों और उनकी विचारधारा की ओर से ‘‘सबसे बड़े खतरे’‘ का सामना करना पड़ रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. राहुल गांधी ने भाजपा पर ‘‘सांप्रदायिक नफरत की आग भड़काने’‘ , लोगों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और सत्ता के ढांचे को एक व्यक्ति को सौंपने का प्रयास करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही पार्टी ने ‘‘इस नाजुक मोड़’‘ पर समान विचारधारा वाली सभी राजनीतिक और सामाजिक ताकतों से समर्थन भी मांगा.

अपने 45 मिनट के ओजस्वी भाषण में राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के जोशखरोश भरे नारों के बीच पार्टी की पहुंच के दायरे का विस्तार करने का भी आह्वान किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह युवाओं , महिलाओं , दबे कुचले वर्गो तथा गरीबी रेखा से उपर उठे समाज के नए तबके के हितों के लिए संघर्ष करेंगे. उन्होंने पार्टी की कार्यपद्धति में बदलाव के संकेत देते हुए यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि पार्टी उम्मीदवारों के चयन जैसे मुद्दों पर जनता और विशेषकर महिलाओं की भूमिका बढ़ायी जाए.

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इधर से उधर दल बदलने वाले नेताओं को टिकट नहीं दिए जाएंगे बल्कि टिकट उन लोगों को दिए जाएंगे जिनके ‘‘खून में कांग्रेस’‘ है तथा एक प्रयोग के आधार पर लोकसभा की 15 सीटों पर उम्मीदवारों का चयन स्थानीय इकाइयों से मिले फीडबैक के आधार पर किया जाएगा. यदि यह प्रयोग सफल रहता है तो इसका विस्तार किया जाएगा.

कांग्रेस के समक्ष आगे ‘‘कड़ा संघर्ष’‘ होने की बात करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘ यह भारत के इतिहास में केवल एक और मोड़ भर नहीं हैआगे और भी चुनाव लड़े जाएंगेजीते या हारे जाएंगे. यह हमारे देश की यात्र में एक महत्वपूर्ण बिंदु है. कोई भी अपने संपूर्ण अधिकारों से कम पर राजी होने को तैयार नही है. कोई भी अब और अधिक समझौते नहीं करेगा.’‘उन्होंने कहा, ‘‘ या तो हम उनकी आकांक्षाओं के लिए काम करें या फिर हम उनके प्रतिनिधि होने का दावा नही करें. हमारे आसपास जो बदलाव हो रहा है , वह रुकने वाला नहीं है. हमारे सामने जरुरत इस बात की नही है कि हम बदलें बल्कि कब और कैसे बदलें.’‘आगामी लोकसभा चुनाव में पूरे जोश के साथ उठ खडे होने का आह्वान करते हुए और युद्ध की रणभेरी बजाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस आगे मौजूद कड़ी चुनौती के लिए तैयार है और ‘‘युद्ध जीतने तक चैन से नहीं बैठेगी.’‘कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास करते हुए उन्होंने कहा कि रात चाहे कितनी भी घनी अंधेरी हो और संघर्ष कितना भी कड़ा क्यों न हो , कांग्रेस एक ‘‘योद्धा’‘ की तरह ‘‘बुलंद हौंसलों’‘ के साथ बढेगी और ‘‘हिम्मत नहीं छोड़ेगी.’‘भाजपा और उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के ‘‘कांग्रेस मुक्त भारत’‘ अभियान की धज्जियां उड़ाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस एक ‘‘विचार’‘ है जिसे मिटाया नही जा सकता. ‘‘जिन्होंने भी ऐसा करने की कोशिश की, वे खुद मिट गए.’‘

सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हालिया विधानसभा चुनावों की हार को दिल से नहीं लगाने का दिलासा देते हुए कहा कि राजनीति में हार और जीत से बचा नहीं जा सकता और कांग्रेस हमेशा से मजबूती से मुकाबला करते हुए फिर से उठकर खड़ी होती आयी है. उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस ने पूर्व में कई चुनौतियों का सामना किया है , आज से भी अधिक कड़ी चुनौतियों का लेकिन हमने कभी दिल छोटा नही किया.’‘राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर छिड़ी बहस को भी समाप्त करते हुए कहा कि पार्टी में निर्वाचित सांसदों द्वारा प्रधानमंत्री का चयन किए जाने की परंपरा रही है.

राहुल ने भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दों पर चिंता जतायी और कहा कि कांग्रेस तथा मनमोहन सिंह सरकार इन मुद्दों के समाधान के लिए दृढ़प्रतिज्ञ है. परोक्ष निर्देश देते हुए राहुल ने सरकार से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या सालाना नौ से बढ़ाकर 12 करने को कहा जिसका वहां मौजूद लोगों ने जोरदार स्वागत किया. तेल और पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने तुरंत ऐलान किया कि यह मुद्दा कैबिनेट में जाएगा और इसे क्रियान्वित करने के लिए फैसला किया जाएगा.

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