-काफी दिनों से गांव में एक तालाब को लेकर चल रहा था संघर्ष
बेतिया/साठीः सरपंच पुत्र सह शिक्षा कर्मी जमिलुर्रहमान उर्फ कमरान की हत्या के पीछे कहीं सरकारी तालाब का विवाद तो नहीं हैं. क्योंकि कमरान के घर के सामने ही एक सरकारी तालाब है. जिस पर कब्जा के लिए काफी दिनों से गांव के कुछ लोगों से संघर्ष चल रहा था. कई बार इस मामले को लेकर थाना में कमरान व अन्य के बीच मारपीट की प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. फिलहाल इस मामले में एक मुकदमा हाई कोर्ट में भी चल रहा है. परिवार के कुछ लोगों का आरोप है कि तालाब के विवाद में ही कमरान की हत्या हुई है.
पुलिस को नहीं दी घटना की सूचना
पुलिस इस मामले को काफी गंभीरता से ले रही है. नरकटियागंज एसडीपीओ संजय कुमार ने बताया कि घटना प्रथम दृष्टया संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है. क्योंकि मृतक के दाहिने हाथ से गन पाउंडर की गंध आ रही थी. वही साठी पुलिस का कहना है कि घटना की सूचना बेतिया के आने के बाद कमरान के परिवार ने दी. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस को क्यों नहीं सूचना दी गयी. अगर सूचना पहले मिलती तो शायद अपराधी भी पकड़ में आ जाते.
शव आते ही गांव में मचा कोहराम
सरपंच पुत्र कमरान का शव बुधवार की दोपहर जैसे गांव में पहुंचा तो कोहराम मच गया. चारों तरफ चीत्कार ही चीत्कार सुनायी पड़ रही थी. शव देखने वालों की संख्या लगभग सैकड़ों में थी. सभी कमरान के गुण की बखान कर रहे थे.
गांव वाले कमरान के परिवार वालों को सांत्वना देने में जुटे थे. इधर सूचना मिलते ही वाल्मीकिनगर सांसद बैधनाथ महतो भी जदयू कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गये. उन्होंने परिवार के लोगों को ढांढ़स बढ़ाया. उन्होंने पुलिस से इस घटना में 48 घंटे के अंदर अपराधियों को पकड़ने की मांग की. मौके पर प्रदेश महासचिव फिरोज आलम, सांसद प्रतिनिधि अनिल कुमार आदि उपस्थित थे.