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ऑपरेशन ब्लू स्टार में थैचर की भूमिका की होगी जांच

लंदन : ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की ऑपरेशन ब्लू स्टार की योजना में ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर की सरकार की मदद से जुड़े फैसले की तत्काल जांच के आदेश दिये हैं. कैमरन ने अपने कैबिनेट सचिव जेरेमी हेवुड से कहा कि वे जांच करें. लेबर सांसद टॉम […]

लंदन : ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की ऑपरेशन ब्लू स्टार की योजना में ब्रिटेन की तत्कालीन प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर की सरकार की मदद से जुड़े फैसले की तत्काल जांच के आदेश दिये हैं. कैमरन ने अपने कैबिनेट सचिव जेरेमी हेवुड से कहा कि वे जांच करें. लेबर सांसद टॉम वाटसन और लॉर्ड इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में गोपनीयता की सूची से हटाए गए दस्तावेजों के आधार पर इस स्पष्टीकरण की मांग की है.

इन दस्तावेजों में ऐसे संकेत मिले हैं कि ब्रिटेन की विशेष वायु सेवा (एसएएस) के एक अधिकारी को स्वर्ण मंदिर पर धावा बोलकर अंदर छिपे आतंकियों को निकालने की योजना में भारत की मदद करने के लिए भेजा गया था. इस अभियान में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे.ब्रिटिश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच दो मुद्दों पर केंद्रित होगी. पहला 1984 में ब्रिटिश कार्रवाई और दूसरा इस तरह के संवदेशनशील दस्तावेजों को जारी करने का फैसला. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन घटनाओं से बड़ी संख्या में जानें गईं और इन दस्तावेजों के कारण पैदा होने वाली वाजिब चिंताओं को हम समझते हैं. प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव से कहा है कि वह इस मामले को तत्काल देखें और तथ्य पेश करें.’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को प्रकाशन से पहले इन दस्तावेजों के बारे में पता नहीं था. विदेशी सरकारों की ओर से सलाह के किसी भी अनुरोध का आकलन सावधानीपूर्वक मंत्रियों की निगरानी और उचित कानूनी सलाह से किया जाता है.’’ जिन दस्तावेजों की यहां बात की जा रही है, उन्हें लंदन स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार ने 30 साल के गैर-गोपनीयता नियम के तहत नए साल पर एक श्रृंखला के रुप में जारी किया था.

वहीं दूसरी ओर ऑपरेशन ब्लूस्टार में मार्ग्रेट थैचर की सरकार की मदद की बात ‘‘सामने आने’’ पर कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन को पत्र लिखकर दुख, चिंता और वेदना व्यक्त की है.संगठन के नेताओं ने आज बताया कि यह पत्र पार्टी प्रवक्ता कंवर पाल सिंह ने लिखा है. इसे नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास के उच्चायुक्त के माध्यम से भेजा गया है.

पत्र में कहा गया है, ‘‘ब्रिटिश नेशनल आर्काइव्स के गोपनीय दस्तावेजों के हवाले से आयी खबरों में यह खुलासा हुआ है कि हमले (ऑपरेशन ब्लूस्टार) की योजना बनाने में ब्रिटिश सरकार ने भारत की मदद की थी. ऑपरेशन ने सिखों को भीतर से हिला दिया था. सिख समुदाय इससे बहुत व्यथित है और वह भीतर तक हिल गए हैं.’’ पत्र में उस गोपनीय समझौते की जानकारी मांगी गई है और ब्रिटिश प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर ‘‘स्पष्ट बयान’’ देने की मांग की है.

हाल ही में जारी किए गए गोपनीय दस्तावेजों से यह संकेत मिलता है कि ब्रिटेन की स्पेशल एयर सर्विस (एसएएस) के अधिकारियों को स्वर्ण मंदिर में हुए इस ऑपरेशन की योजना बनाने के लिए भारत रवाना किया गया था. उग्रवादियों के खिलाफ हुए इस ऑपरेशन में 1,000 ये ज्यादा लोग मारे गए थे.

आपरेशन ब्लूस्टार के नायक ने ब्रिटिश मदद की बात खारिज की

वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए चलाए गए आपरेशन ब्लूस्टार में मार्गरेट थैचर सरकार द्वारा भारत को मदद दिए जाने के संबंध में किए गए दावों से पैदा विवाद के बीच उस अभियान की अगुवाई करने वाले ले. जनरल (अवकाशप्राप्त)के एस बराड़ ने आज कहा कि उस ऑपरेशन की योजना और कार्यान्वयन भारतीय सैन्य कमांडरों ने किया था.

बराड़ ने एक टीवी न्यूज चैनल से कहा, ‘‘मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि आपरेशन की योजना और इसका कार्यान्वयन भारत में सैन्य कमांडरों ने किया था. कोई सवाल ही नहीं है.हमने कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं देखा जो ब्रिटेन से आया हो और हमें बता रहा हो कि किस प्रकार आपरेशन की योजना बनानी है.’’

उन्होंने कहा कि उस आपरेशन में ब्रिटिश एजेंसियों की कोई भूमिका नहीं थी जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. उन्होंने कहा कि सामने आए उन दस्तावेजों की प्रमाणिकता की जांच की जानी चाहिए जिनमें इंग्लैंड की सहायता की बात की गयी है.

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