नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग की कि उनकी एक पूर्व महिला इंटर्न द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर मीडिया को रिपोर्टिंग करने से रोका जाए.
न्यायमूर्ति कुमार ने मामले में उनकी मानहानि करने के लिए दो अंग्रेजी समाचार चैनलों और एक अंग्रेजी दैनिक से पांच करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग भी की. मनिंदर सिंह और एनके कौल सहित वकीलों के एक समूह ने आज सुबह साढ़े दस बजे न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी के समक्ष दीवानी वाद का उल्लेख किया और याचिका पर तत्काल सुनवाई किए जाने का आग्रह किया.
न्यायमूर्ति सिस्तानी, जो उच्च न्यायालय में दायर होने वाले दीवानी वादों के प्रभारी न्यायाधीश हैं, ने याचिका पर आज ही सुनवाई किए जाने के आदेश दिए. वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बताया, ‘‘क्षतिपूर्ति की मांग के साथ ही न्यायमूर्ति कुमार ने मामले में रिपोर्टिंग पर रोक की भी मांग की.’’ इंटर्न के अनुसार कथित उत्पीड़न मई 2012 को उस समय हुआ था जब कुमार शीर्ष अदालत के मौजूदा न्यायाधीश थे.
इस बीच, कानून की पूर्व इंटर्न की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है जिसमें न्यायमूर्ति कुमार के खिलाफ जांच की मांग की गई है. उच्चतम न्यायालय ने इंटर्न के निवेदन पर आज केंद्र को नोटिस जारी किया. याचिका में इंटर्न ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान के लिए न्यायिक इकाइयों में एक स्थाई तंत्र स्थापित किए जाने की भी मांग की है.