चाईबासा : मकर संक्रांति व टुसू की मस्ती में पूरा लौहांचल डूब गया है. मंगलवार को लोग नदी व तालाब में पवित्र स्थान कर श्रद्धा व भक्ति में गोते लगाने की तैयारी में है तो शहर से लेकर देहात तक टुसू पर्व की मस्ती की बयार बहने लगी है.
सोमवार को मुर्गा पाड़ा में शोर सुनायी देने लगा है. बाउंडी के अवसर पर मुर्गा लड़ा कर लोगों ने अपना किस्मत आजमाया. इस तरह से टुसू पर्व का आगाज हो चुका है. अब लगभग 15 दिनों तक अलग-अलग जगहों पर टुसू मेला व मुर्गा पाड़ा का आयोजन होगा. वहीं मकर संक्रांति पर बनने वाले पकवानों की सुगंध शहर के कोने-कोने में है. सुबह से ही बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. कपड़े, फल, तिलकूट आदि की दुकानों में लोगों का तांता लगा हुआ है.
आज करेंगे मकर स्नान
ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन तीर्थ स्थानों में स्नान-ध्यान करने से मन में शुद्ध आती है. मकर स्नान के लिए ज्यादातर लोग रामतीर्थ जा रहे हैं. कुछ लोगों ने यहीं शहर के तालाब व जलाशय में स्नान कर मंदिर में भगवान के दर्शन करने की योजना बनायी है. मकर स्नान के बाद लोग नये कपड़े पहनते हैं.
आंगन में सजी अल्पना
मकर संक्रांति के लिए लोगों ने अपने घरों को पारंपरिक तौर पर सजाया है. आंगन को साफ कर गोबर लीप कर विभिन्न प्रकार की अल्पना सजायी गयी हैं. घरों की भी सफायी की गयी है. कुछ घरों में रंगोली बनाने की भी तैयारी है. अल्पना से आंगन से घर के अंदर छोटे-छोटे पैरों के निशान बनाये गये हैं, जो यह दर्शाता हैं कि घर में माता लक्ष्मी ने प्रवेश किया है.
बन रहे हैं पीठा
घरों में पीठा बनाने का सिलसिला शुरू हो चुका है, जिसकी सुगंध से शहर का कोना-कोना सुगंधित हो गया है. लोगों ने अरिसा पीठा, गुड़ पीठा, चीनी पीठा, छिल्का पीठा, काकरा पीठा, मोंडा पीठा, पोतोर सीजा पीठा, दूध पीठा आदि के बनने लगे हैं. मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले इन्हें अपने ईष्ट देवता को अर्पित किया जायेगा.
कपड़े, बरतन की खरीदारी
सोमवार को भी खाद्या सामग्री, कपड़े, बर्तनों आदि की दुकानों में लोगों की भीड़ जमी रही. मकर संक्रांति पर नये कपड़े, जूते-चप्पल आदि पहनने के लिए लोगों ने जमकर खरीदारी की. आज दान-पुण्य का दिन है.