पोर्ट ब्लेयर: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज भारत के स्थानीय आदिवासियों के कुछ कबीलों के विलुप्त होने पर आज चिंता जतायी. मुखर्जी ने यह भी कहा कि उनके विकास की नीतियों को उनकी जीवन पद्धति के अनुरुप होना चाहिए.
मुखर्जी ने कहा कि आदिवासी आबादी के बारे में एक व्यापक नजरिया यह है कि इनके समावेशी नहीं होने के कारण कई महत्वपूर्ण कबीले विलुप्त हो गये. उन्होंने कहा कि ऐसी नीति स्थिर नहीं होनी चाहिए बल्कि समय की आवश्यकता के अनुसार उनमें लचीलापन होना चाहिए.
उन्होंने उम्मीद जतायी कि संस्थान ऐसे अध्ययन करेगी जिससे अंडमान एवं निकोबार के आदिवासियों के कल्याण की नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.