नयी दिल्ली: लोकसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए इस हफ्ते होने वाली कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठकों के दौरान उनकी विभिन्न चर्चाओं में आम आदमी पार्टी पर ध्यान केंद्रित रहने की उम्मीद है.
एआईसीसी की 17 जनवरी को बैठक होने वाली है जबकि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक 17 से 19 जनवरी तक होगी. इस दौरान दोनों प्रतिद्वंद्वी पार्टियां अरविंद केजरीवाल की पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता के बीच आगे की रणनीति तैयार करेंगी.
यद्यपि न तो भाजपा और न ही कांग्रेस यह स्वीकार कर रही है कि आप का उनपर असर हुआ है लेकिन बड़ी पार्टियों के कदम दूसरी कहानी बयां कर रहे हैं.दो दिन पहले राहुल गांधी ने नेताओं की बैठक की और उन्हें उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी. बैठक के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने साधारण और साफ छवि वाले कार्यकर्ताओं को लोकसभा का टिकट देने की वकालत की. उन्होंने एक नई प्रक्रिया शुरु की जिसके तहत कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम की घोषणा पहले की जाएगी.
आम आदमी पार्टी की सफलता से साफ तौर पर सबक लेते हुए राहुल ने नेताओं से कहा कि उम्मीदवारों के नाम पर फैसला करते वक्त स्थानीय लोगों की राय को सबसे अधिक महत्व दिया जाना चाहिए और साधारण पार्टी कार्यकर्ताओं को चयन में उचित महत्व दिया जाना चाहिए.
इसी तरह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘एआईसीसी की बैठक में चर्चा कांग्रेस पर केंद्रित रहेगी.’’कांग्रेस के एक अन्य नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि चर्चा इस बात पर केंद्रित रहेगी कि भाजपा और आप तथा क्षेत्रीय दलों को हराकर चुनाव जीतने के लिए पार्टी क्या कर सकती है.