नयी दिल्ली : देश के अनेक कॉलेजों, विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं को ई माध्यम से जोड़ते हुए वर्चुअल लैब की ऐसी दुनिया तैयार की गई है जिसके माध्यम से इंजीनियरिंग कम्प्यूटर साइंस, जैव प्रौद्योगिकी, भौतिकी विज्ञान, संचार, बायो मेडिकल इंजीनियरिंग के छात्र सुदूर क्षेत्रों में पढ़ाई कर सकते हैं.
मोबाइल पर दोस्तों से बात करते, फेसबुक, ट्विटर पर चैटिंग करते हम अक्सर ऐसी आभाषी दुनिया में चले जाते हैं जहां दूर रहते हुए हम एक दूसरे का हालचाल जान सकते हैं. वर्चुअल लैब परियोजना ऐसी ही एक अनोखी पहल है.
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के जरिये राष्ट्रीय शिक्षा मिशन (एनएमआईसीटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके माध्यम से छात्रों को तकनीकी, उच्चशिक्षा एवं वैज्ञानिक प्रयोग करने की सुविधा मिल सकेगी जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दक्ष शिक्षकों की कमी के कारण प्रभावित हो रही है.
वर्चुअल लैब एक ऐसी व्यवस्था है जिसके माध्यम से छात्र आभाषी एवं ई माध्यम से न केवल वैज्ञानिक प्रयोग कर सकते हैं बल्कि विज्ञान, इंजीनियरिंग, गणित आदि विषयों से जुड़ी विषय वस्तु को भी समझ सकते हैं जो वीडियो, लेक्चर के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं.
अधिकारी ने बताया कि इसके तहत टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, इंटरैक्टिव डिजाइन एंड इलेक्ट्रानिक्स, माइक्रोवेब लैब, वायरलेस लैब, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक्स, नेटवर्क मॉडलिंग, इलेक्ट्रानिक्स सर्किट, सिग्लन प्रोसेसिंग, फाइबर आप्टिक्स, प्रोब्लेम साल्विंग, सर्किट डिजाइन, कम्प्यूटर आर्किटेक्चर, एंडवांड नेक्टवर्क टेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, डाटा माइनिंग, डाटाबेस, लिनक्स लैब, स्पीच सिग्लन, इमेज प्रोसेसिंग, वर्चुअल एडवांस वीएनएसआई लैब, क्रिप्टोग्राफी लैब तैयार किये गए हैं.