रांची: 14वें वित्त आयोग के अध्यक्ष वाइवी रेड्डी ने झारखंड सरकार के अधिकारियों को कहा कि वह कानून तोड़नेवालों पर कार्रवाई करें. उन्होंने यह बात उस वक्त कही, जब राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार की खनन कंपनियों द्वारा खनन नियमों (माइनिंग रूल) का उल्लंघन करने का मामला उठाया गया. मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि झारखंड में खनन कार्य करनेवाले केंद्रीय लोक उपक्रम माइनिंग नियमों का पालन नहीं करते हैं.
नियमविरुद्ध कार्य करते हैं. सरकार द्वारा गलतियां पकड़ने पर वह कृत्रिम अभाव पैदा करते हैं. राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय करों में मांगी गयी हिस्सेदारी (45 प्रतिशत) पर बैठक में टिप्पणी करते हुए श्री रेड्डी ने कहा : अब तक हमलोगों ने जितने भी राज्यों का दौरा किया है, उन सभी राज्यों ने केंद्रीय करों में अधिक हिस्सेदारी की मांग की है. इसके मुकाबले झारखंड ने काफी कम हिस्सेदारी मांगी है.
श्री रेड्डी की बात सुनने के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि हमलोग यह जानते हैं कि आयोग हिस्सेदारी में एक से दो प्रतिशत तक ही बढ़ाने की अनुशंसा करता है. पिछले सभी वित्त आयोग की अनुशंसाओं से इसकी जानकारी मिलती है. इसलिए हमलोगों ने इसी हिसाब से केंद्रीय करों में हिस्सा मांगा है. फिर भी अगर आपको लगता है कि झारखंड ने केंद्रीय करों में कम हिस्सेदारी मांगी है, तो अब राज्य की मांग 50 प्रतिशत मान ली जाये.