दिल्ली में सादगीपूर्ण राजनीति की बयार बह रही है. दिल्ली के नये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार से छोटा फ्लैट मांग रहे हैं. इधर, बिहार में अलौली के विधायक रामचंद्र सदा एमपी फंड से बने सामुदायिक भवन पर कब्जा कर अपना आवास बना लिया है. सप्ताह भर के भीतर यह तीसरा मामला है, जब जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अवैध कब्जा करने के आरोप लगे हैं.
खगड़िया: सरकारी जमीन पर एमपी फंड से बने सामुदायिक भवन पर कब्जा कर अपना आवास बना लिया है अलौली (खगड़िया) के विधायक रामचंद्र सदा ने. श्री सदा पहली बार विधायक चुने गये हैं. सामुदायिक भवन की ठीक बगल में उनकी अपनी जमीन है, जहां उनका बथान है. जिला प्रशासन के अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं, तो ग्रामीण भी इस मामले को उठाने की हिम्मत नहीं करते. मालूम हो कि सोनवर्षा राज के विधायक रत्नेश सदा और जमुई के सांसद भूदेव चौधरी के खिलाफ हाल ही में जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है.
एमपी फंड से हुआ था निर्माण
अलौली प्रखंड की बहादुरपुर पंचायत स्थित सोनिहार गांव में एमपी फंड से सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया था. इस योजना के लिए कार्य एजेंसी आरडब्ल्यू टू को बनाया गया था. जानकारी के अनुसार तब योजना की स्वीकृति डीएम दिया करते थे. डीएम ने अपने पत्रंक 1689 दिनांक 24 अगस्त, 2011 से इस भवन के निर्माण को स्वीकृति दी थी. योजना की संख्या 11/2011 थी. इसके लिए प्राक्कलित राशि पांच लाख रुपये थी. जानकारों के अनुसार भवन का निर्माण पूरा होते ही विधायक ने उस पर कब्जा कर लिया.
विधायक के पीए ने कराया था काम : इस कार्य के लिए बतौर अभिकर्ता ग्रामीण विकास अभिकरण के जेइ सत्य नारायण पासवान को नियुक्त किया गया था. श्री पासवान फिलवक्त राजगीर में ग्रामीण विकास अभिकरण में प्रतिनियुक्त हैं. उनके अनुसार विधायक के पीए संजय सदा ने ही वहां बतौर पेटी कांट्रैक्टर काम किया था. उन्हें ही अग्रिम राशि का भुगतान भी किया गया था. इसका उनके पास पुख्ता प्रमाण है. श्री पासवान ने बातचीत के क्रम में यह भी खुलासा किया कि सामुदायिक भवन के निर्माण के दौरान ही विधायक उसमें घुसना चाह रहे थे. लेकिन, उन्होंने सख्ती के साथ ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने बताया कि वहां उन्होंने कार्य को पूर्ण कराया है. इसके बाद योजना की एमबी बुक हुई है और राशि का भुगतान हुआ है. यह सब कुछ एक लंबी जांच प्रकिया के बाद हुआ है. उन्होंने बताया कि सामुदायिक भवन सरकारी जमीन पर है. इसकी रिपोर्ट भी करायी गयी थी.
जो विधायक ने किया : सामुदायिक भवन को विधायक ने घर बना लिया है. उन्होंने भवन की चहारदीवारी कर घेराबंदी भी करा ली है. उन्होंने अपने खर्च से उक्त भवन के ऊपर नये कमरों का निर्माण करा लिया. अब तो यह भवन किसी भी दृष्टिकोण से सामुदायिक भवन नहीं नजर आता.
जांच होगी : एसडीओ : एसडीओ शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि मामले की जांच की जायेगी. सामुदायिक भवन सार्वजनिक इस्तेमाल की चीज है. इस पर कब्जा या फिर निजी हित के लिए इस्तेमाल करना गैर कानूनी है. अगर सामुदायिक भवन पर कब्जा किये जाने की बात प्रमाणित होती है, तो भवन को तुरंत खाली कराया जायेगा.
डीएम बोले, जानकारी नहीं : डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. वे इसकी जांच करायेंगे और इसके बाद कार्रवाई करेंगे.
कौन हैं रामचंद्र सदा : रामचंद्र सदा पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं. जदयू के टिकट पर वे चुनाव जीते हैं. अलौली से कई बार विधायक रहे पशुपति कुमार पारस को उन्होंने पराजित किया. लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान का पैतृक घर भी अलौली ही है और पशुपति कुमार पारस उनके छोटे भाई हैं. श्री सदा शिक्षक थे.
बोले विधायक
दूसरी जगह बनेगा सामुदायिक भवन
विधायक रामचंद्र सदा ने बताया कि सांसद से मैं सामुदायिक भवन की मांग की थी. जमीन भी एलॉट कराया था. पर, उस जमीन पर लोगों के आग्रह पर सड़क निर्माण करा दिया गया. वह यह भी मानते हैं कि सामुदायिक भवन योजना मद से कुछ रुपये की निकासी भी विभाग से हुई है. पर, उन्होंने यह स्वीकार नहीं किया कि वहां सामुदायिक भवन बना है.कहा, सामुदायिक भवन दूसरी जगह बनावाया जायेगा और सांसद से इसका शिलान्यास भी करा देंगे.