नयी दिल्ली: ताजा प्रहार करते हुए भाजपा ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोप पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी की चुप्पी पर आज सवाल उठाया और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को इन आरोपों की सीबीआई जांच की मंजूरी देने की चुनौती दी जिसे वह (सिंह)राजनीति से प्रेरित बताते हैं.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरण जेटली ने आज अपने ब्लॉग में आलेख में आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस पार्टी और वीरभद्र सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना बेशर्मी से करने का फैसला कर लिया है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुप्पी साध लेंगे.’’पलटवार करते हुए सिंह ने कहा कि जेटली और पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार धूमल ने अपनी निहित राजनीतिक मंशा के अनुकूल अपने संवाददाता सम्मेलन में जरुरी तथ्य जानबूझकर दबा दिए.
उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को ‘झूठ, ओछी और मनगढंत’ करार देते हुए कहा, ‘‘उन्होंने चुनिंदा अवसरवादी खुलासे किए और महत्वपूर्ण तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर एवं कई को छिपाकर गुमराह करने की कोशिश की. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आरोप अनर्गल और राजनीति से प्रेरित हैं.’’जेटली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने या भ्रष्टाचार के आरोप साबित करने की चुनौती दी है. 29 दिसंबर को सीबीआई निदेशक को इस संबंध में उनका पत्र प्राथमिकी रुप में ही है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी जांच करने के लिए दिल्ली विशेष पुलिस (स्थापना) अधिनियम की धारा 6 के तहत राज्य सरकार की मंजूरी जरुरी है.’’ जेटली ने कहा, ‘‘मैं हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार को चुनौती देता हूं कि अपनी मंजूरी दे ताकि इन आरोपों में जांच हो सके.’’ कांग्रेस नेतृत्व पर जेटली का बयान ऐसे समय में आये हैं जब इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह का समर्थन करते हुए इस मुद्दे पर मुकाबले का फैसला कर लिया है और आरोपों को विपक्ष की साजिश का हिस्सा करार दिया है.
भाजपा नेता ने कहा कि उनकी समझ से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ पहले ही दो आरोपों की जांच सीबीआई कर रही है. सिंह के खिलाफ किसी बिजली कंपनी से जुड़ा यह तीसरा आरोप है जिसकी जांच किये जाने की जरुरत है.
जेटली ने आरोप लगाया कि सिंह, उनके परिजन और उनकी कंपनी को एक बिजली कंपनी के प्रमोटर की ओर से ब्याज रहित कर्ज मिला था. इस कंपनी का हिमाचल सरकार से लेन-देन था.
सिंह ने कहा कि आप नेता प्रशांत भूषण द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में दर्ज जनहित याचिका में भी ये ही आरोप शामिल किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुमुद भूषण एजूकेशनल सोसायटी के नाम पर पालमपुर के कांडबारी में प्रशांत भूषण द्वारा अवैध रुप से चाय बगान की खरीद का मामला दर्ज किया था तब भूषण उच्च न्यायालय गए थे. दरअसल भूषण चाय बागान की जमीन खरीद नहीं सकते थे क्योंकि इस पर रोक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी विचित्र बात है कि धूमल परिवार, भूषण और जेटली पुराना राग अलाप रहे हैं जिससे मिलीभगत और साजिश की बू आती है.
सिंह ने कहा, ‘‘धूमल और उनके परिवार में जेटली का क्या विशेष हित है. क्या उनके कहने पर यह ड्रामा आयोजित करने के लिए उन्हें भुगतान किया गया है, क्या यह क्रिक्रेट कंपनी सद्भाव है या उससे भी ज्यादा गहरा और कुछ क्योंकि उन्होंने वे ही मुद्दे उठाए और उन्हीं सूचनाओं का खुलासा किया जो धूमल के बेटे ने शिमला में अपने पांच संवाददाता सम्मेलन में किया. ’’ उन्होंने कहा कि जेटली और धमूल शिकायतकर्ता, अभियोजनकर्ता और न्यायाधीश तीनों की तरह आचरण कर रहे हैं.