नयी दिल्ली: लश्कर-ए-तैयबा के बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा ने आज दिल्ली की एक अदालत में दाखिल अपनी जमानत अर्जी को वापस ले लिया. टुंडा का नाम उन 20 आतंकवादियों में शामिल है जिन्हें भारत ने पाकिस्तान से 26-11 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद सौंपने को कहा था.
अनेक आतंकवादी हमलों के मामलों में न्यायिक हिरासत में बंद 72 वर्षीय टुंडा के मामले को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमित बंसल ने सत्र अदालत में स्थानांतरित कर दिया जिसके बाद उसने जमानत अर्जी को वापस ले लिया.
टुंडा ने 1997 के सदर बाजार विस्फोट मामले में 17 दिसंबर को जमानत अर्जी दाखिल की थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने उसकी जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि टुंडा अनेक आतंकवादी हमलों के मामलों में शामिल था और उसने कई युवाओं को दिग्भ्रमित कर खूंखार आतंकवादी बना दिया तथा जिहाद के नाम पर भारत में कई बम विस्फोट किये.