नये साल में कुडूवासियों में नयी आशा जगी
कुडू (लोहरदगा) : वर्ष 2014 का आगमन हो गया है, नये साल पर कुडू वासियों की उम्मीदें, सपने एक बार फिर उबाल पर है. लोग सपना देख रहे हैं कि वर्ष 2014 में 14 सपने साकार हुए तो कुडू की तकदीर एवं तसवीर बदल जायेगी.
इसमें अधूरे पड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, जजर्र सड़कें, शहरी जलापूर्ति योजना, बदतर विद्युत व्यवस्था, पॉलीटेक्निक कॉलेज, महाविद्यालय निर्माण, चीरी शिक्षक प्रशिक्षण महा विद्यालय, सिंचाई व्यवस्था, लोहरदगा-टोरी रेल विस्तारीकरण कार्य, मॉडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन आदि मांग शामिल है.
प्रखंड कार्यालय के समीप पिछले पांच वर्षो से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण अधर में लटका हुआ है. भवन निर्माण कार्य पूर्ण हुआ तो कुडू वासियों को बीमारी व घायलों के इलाज के लिए रांची जाने से निजात मिलेगी.
संत विनोबा भावे खेल मैदान में मिनी स्टेडियम का निर्माण हुआ तो ग्रामीण क्षेत्र के खिलाड़ियों को बेहतर प्लेटफार्म मिलेगा एवं कई प्रतिभावना खिलाड़ी कुडू की धरती से निकलेंगे. महाविद्यालय का निर्माण हुआ तो कुडू के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए रांची, लोहरदगा, मांडर समेत अन्य स्थानों में नामांकन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हुए तो छात्राओं को बेहतर शिक्षा एवं आवासीय व्यवस्था मिलेगी. जजर्र विद्युत व्यवस्था में सुधार हुए तो कुडू वासियों को काफी राहत मिलेगी, माडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन बनेगा तो ग्रामीणों को अधिकारियों, कर्मचारियों को खोजने से मुक्ति मिलेगी.
जजर्र सड़कों में सुधार हुआ तो सड़क हादसों में लगाम लगेगी. बेहतर सिंचाई व्यवस्था, दक्षिण कोयल नदी में सिरीज चेक डैम, नदियों में चेक डैम बने तो किसान सालों भर खेती करेंगे. मजदूरों का पलायन थमेगा. शहरी जलापूर्ति योजना बेहतर बनी तो शहरी क्षेत्र के लोगों को पेयजल के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
लोहरदगा-टोरी रेलवे विस्तारीकरण कार्य पूर्ण हुए तो रांची से दिल्ली के बीच 106 किमी की दूरी कम हो जायेगी एवं लोहरदगा, गुमला जिला वासियों को दिल्ली, पंजाब, हरियाण, उत्तरप्रदेश, राजस्थान जाने के लिए रांची नहीं जाना पड़ेगा.
चीरी में हिरण पार्क बना, तो पर्यटन के क्षेत्र में कुडू का नाम सामने आयेगा. पॉलीटेक्निक कॉलेज का भवन निर्माण पूरा हुआ तो कुडू से कई इंजीनियर प्रत्येक वर्ष निकलेंगे. नर्सिग कॉलेज खुला तो कई नर्स, एएनएम निकलेंगे एवं बेहतर स्वास्थ्य
सेवा देंगी.