सीतामढ़ीः भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता-पिता की सेवा सबसे आवश्यक है.
माता-पिता को नाखुश कर कोई भगवान शिव को प्रसन्न नहीं कर सकता है. यही कारण
है कि भगवान गणोश की पूजा सबसे पहले की जाती है. उक्त बातें परम पूज्य सुधांशु जी महाराज ने बांका जिला के कोरिया पंचायत अंतर्गत दुर्विनिया कांवरिया पथ पर आनंद धाम आश्रम की आधारशीला रखते हुए कही. इस मौके पर महाराज जी का दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी. बताया गया कि विश्व जागृति सेवा समिति मधुबनी के सौजन्य से नये भवन का निर्माण होना है. प्रवचन के बाद एक हजार गरीबों के बीच कंबल का वितरण किया गया.
इस पुण्य कार्य के लिए महाराज जी ने संस्था के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस पावन स्थल पर आसपास के लोगों के लिए कोई ऐसा काम होना चाहिए, जिससे गरीब परिवार के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो सके. सुधांशु जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव का दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में कांवरियों का जत्था इस मार्ग से गुजरता है. ऐसे में कांवरियों की सेवा कर भगवान शिव को पाने का रास्ता बनाया जा सकता है. सक्षम लोगों को अपने-अपने सामथ्र्य के अनुसार कांवरियों की सेवा करनी चाहिए. इसके अलावा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गरीबों की सेवा, पशु-पक्षी की रक्षा व गुरु का सम्मान भी आवश्यक है. आयोजक की भूमिका शेरा होजियरी निभा रही थी. मौके पर प्रखंड प्रमुख पलटन यादव, जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल सिंह, मनोज यादव, चंद्रमोहन पांडेय, राजेंद्र प्रसाद के अलावा विश्व जागृति मंच के अध्यक्ष लक्ष्मण ठाकुर व विश्वनाथ चौधरी समेत देवघर व कोलकाता से कई गण्यमान्य लोग मौजूद थे.