हैदराबाद : आंध्र प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा चरण 3 जनवरी से शुरु हो रहा है और इसके एजेंडे में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन मसौदा विधेयक, 2013 पर चर्चा शामिल होने से गहमागहमी रहने के आसार हैं.
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 12 दिसंबर को शुरु हुआ था और सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) ने मसौदा विधेयक पर चर्चा करने का फैसला किया था लेकिन गतिरोध के चलते ऐसा हो नहीं सका. विधानसभा की कार्यवाही 19 दिसंबर को स्थगित कर दी गयी थी.
राष्ट्रपति ने मसौदा विधेयक को लौटाने के लिए 23 जनवरी तक का समय दिया है. उन्होंने 12 दिसंबर को इसे विधानसभा को भेजा था. अलग राज्य के गठन के मुद्दे पर सदस्य क्षेत्रीय आधार पर बंटे हुए हैं. तेलंगाना के सदस्य जहां चाह रहे हैं कि अलग राज्य के समर्थन में अपने विचार देते हुए विधेयक को जल्दी राष्ट्रपति को लौटा दिया जाए, वहीं तटीय आंध्र और रायलसीमा यानी सीमांध्र क्षेत्र के विधायक इसका विरोध कर रहे हैं.
मसौदा विधेयक पर चर्चा से विधानसभा का माहौल गर्म होने की उम्मीद है क्योंकि दोनों पक्षों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन की बात कही है. टीआरएस और अन्य तेलंगाना समर्थक संगठनों ने अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए इसी महीने हैदराबाद में बड़ा धरना देने की योजना बनायी है.
टीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने प्रदेश के पंचायत राज मंत्री के जना रेड्डी और अन्य तेलंगाना नेताओं से पिछले महीने मुलाकात की थी और उन्होंने तेलंगाना की जनता के हित में मसौदा विधेयक पर समन्वय के साथ काम करने का फैसला किया था.
दूसरी तरफ अविभाजित आंध्र प्रदेश के समर्थक कर्मचारियों और अन्य लोगों ने 3 जनवरी को बंद का आह्वान किया है. उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान भी विरोध दर्ज कराने की योजना बनायी है.