– दिनेश कुमार पांडेय –
जनगणना में लगे कर्मचारियों ने कई जिंदा लोगों को घोषित कर दिया मृत
साइकिल नहीं, पर बना दिया कार मालिक
सासाराम (ग्रामीण) : सच को झूठ व झूठ को सच बनाने की कला सीखना है, तो सरकारी मुलाजिमों से सीखिए. चौंकि ये मत! कुछ ऐसा ही कारगुजारी कर दिखाया है, जनगणना में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों ने. कई के बाप बदले, तो कई महिलाओं के पति बदल दिये गये.
चार एकड़ वालों को बनाया 24 एकड़ का मालिक, जिसके पास साइकिल नहीं उसको चार पहिया वाहन के मालिक बताया, तो जिंदा लोगों को मृत घोषित कर दिया. सनद रहे कि नोखा प्रखंड के धर्मपुरा पंचायत के गम्हरियां गांव में जनगणना कार्य पूरा होने के बाद अब उसकी प्रतियां परिवार के मुखिया कन्हैया सिंह को थमायी गयीं. उनके जिंदा बाप राम सुभग सिंह को मृत घोषित कर दिया गया है, तो वहीं सत्य प्रकाश सिंह के पिता कन्हैया सिंह के बदले भाई परशुराम सिंह को पिता बनाया गया है. उनकी पत्नी की जगह बहन संतोषी कुमारी को पत्नी बनाया गया है.
सन्नी कुमार के चाचा उनके पिता हैं, तो सन्नी कुमार के पिता ओम प्रकाश को माता बनाया गया है. जनगणना में लगे लोगों की लापरवाही इससे ज्यादा क्या होगी कि लिंग परिवर्तन तक कर दिया गया तथा चार एकड़ के मालिक को 24 एकड़ की मालिक बनाया गया है.
मोटर साइकिल जिसके पास है, उसके पास कार लिखा गया है. कुछ लोग तो इस जनगणना को बकवास करार दिया है, तो कई लोगों में खुशी है. उन्हें सरकार 24 एकड़ भूमि मुफ्त में दी है. ऐसी स्थिति में जनगणना कितना शुद्ध व कितना सच होगा, यह कहने की जरूरत नहीं है, बल्कि देखने का विषय है. जनगणना में लगे गणकों की मानें तो कंप्यूटर पर बैठे लोगों की गलती है. सच्चई तो है कि इसके लिये गणक व टाइपिस्ट दोनों दोषी हैं.