रोसड़ा (समस्तीपुर): परेशानियों की अनदेखी से आजिज आकर आंबेडकर उच्च विद्यालय, रोसड़ा के 250 छात्र गुरुवार से भूख हड़ताल पर हैं. बच्चों को मनाने का प्रयास विफल रहने के बाद प्रधानाध्यापक गंगा सागर पासवान ने शुक्रवार की देर शाम इसकी सूचना एसडीओ कुंदन कुमार को दी. छात्रावास पहुंचे एसडीओ ने छात्रों को आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन बच्चे मांगें पूरी होने तक भूख हड़ताल जारी रखने पर अड़े रहे. पदाधिकारियों की सलाह पर प्रधानाध्यापक ने स्कूल परिसर में अनिश्चितकालीन बंदी की सूचना चिपका दी है. सभी छात्र छात्रावास परिसर में ही डटे हैं.
इससे पदाधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. भूख हड़ताल पर डटे छात्रावास के सुनील कुमार मांझी, प्रशांत कुमार, लक्ष्मण सदा, जितेंद्र मांझी, नंद पासवान, वकील पासवान, राजेश मांझी, शशिकांत मांझी, ब्रजेश मांझी आदि का कहना है कि यहां की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. इसको लेकर पूर्व में एसडीओ समेत अन्य वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गयी थी. पर अब तक उनका निराकरण की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है. विद्यालय में पढ़ाई नहीं होती है. छात्रावास के शौचालय जर्जर हैं. इसकारण बच्चों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. चापाकल की हालत खराब है. पुराने भवन में प्रकाश की भी व्यवस्था नहीं है. रात 10 बजे के बाद छात्र अंधेरे में रहते हैं. रसोइये के अभाव में उन्हें खुद रोटी बनानी पड़ रही है. साफ-सफाई की हालत परिसर बयां कर रहा है.
सुरक्षा गार्ड का अभाव है. हॉस्टल में शिक्षक नहीं रहते हैं. ऐसे में पढ़ाई करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है. जब तक इन समस्याओं को दूर नहीं कर दिया जाता, वे न तो खाना खायेंगे और न ही घर जायेंगे. जारी गतिरोध के बीच शुक्रवार को बीडीओ शरद कुमार झा व स्थानीय पुलिस ने भी छात्रों को समझाने में जुटी रही. प्रधानाध्यापक का कहना है कि 26 दिसंबर से विद्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. ऐसे में बच्चों को फिलहाल घर जाना चाहिए.
एसडीओ कुंदन कुमार का कहना है कि बच्चों को समझाने का प्रयास किया. पर, वे जिद पर अड़े हैं. ऐसे में जिला कल्याण पदाधिकारी से बात करने के बाद विद्यालय व छात्रावास को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. बच्चों को घर जाने के लिए कहा गया है. बच्चे जिद छोड़ देते हैं, तो स्थिति सामान्य होने पर फिर से स्कूल खोलने का आदेश जारी किया जायेगा.
इनसेट
छात्रावास की प्रमुख समस्याएं
साफ-सफाई व जर्जर शौचालय
रसोइया व सुरक्षा गार्ड की कमी
छात्रावास में शिक्षकों का अभाव
कंप्यूटर व प्रायोगिक शिक्षा का अभाव
प्रकाश की समुचित व्यवस्था
मेनू के अनुसार भोजन नहीं मिलना
कंबल, दरी, जूता आदि समय पर नहीं मिलना