भागलपुर: विक्रमशिला पुल एक्सीडेंट जोन बन गया है. पिछले तीन दिनों में पुल पर दो मौतों ने यातायात व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. पुल व उसके अप्रोच रोड पर वाहनों की अनियंत्रित गति सीमा और बढ़ता वाहनों का बोझ दुर्घटना का कारण बन रहा है. सिर्फ विक्रमशिला पुल ही नहीं, शहर के अन्य हिस्सों में भी रोज दुर्घटनाएं हो रही है. पिछले 11 माह के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. पहली जनवरी से लेकर 30 नवंबर तक के 330 दिनों में 290 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिस अनुपात में गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है, उस अनुपात में सड़कों का निर्माण नहीं हुआ. अतिक्रमण के कारण सड़कों की चौड़ाई कम होती जा रही है. शहर की सड़कों से फुटपाथ गायब हो गये हैं.
शहर के डेंजर जोन, जहां होती है दुर्घटना : शहर में कुछ स्थान डेंजर जोन के रूप चिह्न्ति है. इसमें लोहिया पुल, तिलका मांझी चौक, अलीगंज डीवीसी चौक, गुड़हट्टा चौक, जीरोमाइल, पटलबाबू रोड आदि स्थानों पर आये दिन दुर्घटनाएं हो रही है. पुलिस इसे रोकने की दिशा में अबतक विफल ही रही है. बड़े वाहन ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं.
पुलिस की तैनाती के बाद दुर्घटना
विक्रमशिला पुल पर जाम व दुर्घटना को रोकने के लिए 20 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है, लेकिन पुलिस के तैनाती के बाद दुर्घटनाएं हो रही है. पुलिस जाम हटाने में जुटी रहती है और वाहन चालक बेतरतीब तरीके से वाहन सड़कों पर चलाते हैं.
केस-1
21 दिसंबर : विक्रमशिला पुल पर बस से कुचल कर बाइक सवार मुकेश मंडल (25), पिता माला मंडल, अहुत बड़ी खाल, बिहपुर मौत हो गयी थी. मुकेश के पास से मिले डीएल व वोटर आइ कार्ड से लाश की पहचान हो पायी थी. मुकेश एक दवा कंपनी में काम करता था. दुर्घटना में मुकेश की बाइक, लैपटॉप आदि क्षतिग्रस्त हो गया था.
केस-2
23 दिसंबर : विक्रमशिला पुल के पास सड़क किनारे खड़ी इंडिगो के चालक जगदीश सिंह (45) को ट्रक ने धक्का मार दिया. इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी थी. जगदीश उदेसी, जगदीशपुर का रहने वाला था. गाड़ी खराब हो जाने के कारण वह नीचे उतर कर देख रहा था. तभी ट्रक ने उसे धक्का मार दिया.