दुमका : स्थानीयता बचाव संघर्ष समिति ने 1932 के गेंजर सेट्लमेंट के खतियान के रिकॉर्डस ऑफ राइट्स के आधार पर झारखंड में स्थानीयता नीति लागू करने की मांग की है.समिति द्वारा संताल परगना स्थापना दिवस पर दुमका के यज्ञ मैदान में आयोजित जनसभा की अध्यक्षता कर रहे समिति के संरक्षक सह ग्राम प्रधान मांझी संगठन के प्रमंडलीय संयोजक भीम प्रसाद मंडल ने एलान किया है कि मार्च 2014 तक राज्य की सरकार ने स्थानीयता नीति लागू नहीं की, तो अप्रैल 2014 से आर्थिक नाकेबंदी की जायेगी.
उन्होंने अलग संताल परगना राज्य की भी मांग उठायी और कहा : संताल परगना के खतियानी रैयतों का हक मारा जा रहा है. रैयत राजनीतिक उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं. संताल परगना अलग राज्य बनेगा, तभी खतियानी रैयत सांसद-विधायक बनेंगे.
बाहरी लोक सांसद-विधायक बन रहे हैं, इसलिए क्षेत्र और क्षेत्र की जनता के लिए वे नहीं सोचते. श्री मंडल ने कहा : आनेवाले समय में अलग संताल परगना राज्य की मांग को लेकर आवाज बुलंद की जायेगी. इससे पूर्व संताल परगना स्थापना दिवस और ग्राम प्रधान दिवस के अवसर पर स्थानीयता बचाव संघर्ष समिति विशाल रैली निकाली गयी.
जिसमें पूरे संताल परगना से हजारों महिलायें-पुरुष शामिल हुए. एसपी कॉलेज से यह रैली पूरे नगर का भ्रमण करते हुए यज्ञ मैदान तक पहुंची और जनसभा में तब्दील हो गयी. सभा की अध्यक्षता ग्राम प्रधान मांझी संगठन के प्रमंडलीय अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने की. मुख्य अतिथि के तौर पर जिला परिषद् के अध्यक्ष पुलिस नाथ मरांडी उपस्थित थे.
रैली की अगुवाई सागेन मुमरू, श्रीकांत मंडल, भीम प्रसाद मंडल, मधुर कुमार सिंह, नोवेल हांसदा, सूरजकांत मंडल, चंचल सिंह, सिद्धौर हांसदा, श्यामदेव हेंब्रम आदि ने की.