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गृहमंत्रालय ने पूछा, केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए कितना समय चाहिए

नयी दिल्ली : आज गृहमंत्रालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल से यह पूछा है कि आखिर केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए कितना समय चाहिए. गृहमंत्रालय ने यह भी कहा है कि केजरीवाल को असीमित समय नहीं दिया जा सकता है. गौरतलब है कि केजरीवाल ने सरकार बनाने हेतु जनमत संग्रह के लिए सोमवार तक का […]

नयी दिल्ली : आज गृहमंत्रालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल से यह पूछा है कि आखिर केजरीवाल को सरकार बनाने के लिए कितना समय चाहिए. गृहमंत्रालय ने यह भी कहा है कि केजरीवाल को असीमित समय नहीं दिया जा सकता है. गौरतलब है कि केजरीवाल ने सरकार बनाने हेतु जनमत संग्रह के लिए सोमवार तक का समय मांगा है, उसके बाद ही वे सरकार बनाने के निर्णय पर स्पष्टत: कुछ कह सकेंगे.

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह व्यक्तिगत रुप से दिल्ली में साझा सरकार के गठन के खिलाफ हैं, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी के भीतर इस मामले पर मतभेद हैं.केजरीवाल ने कहा कि उनके ‘गुर’ (अन्ना हजारे) उनके दिल में हैं. हालांकि, निहित स्वार्थों वाली अनेक पार्टियों ने उनके बीच दरार पैदा करने के लिए करोड़ों रपये खर्च किए हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो मानते हैं कि ये दोनों साथ आकर ‘एटम बम’ से भी शक्तिशाली होंगे. केजरीवाल ने हालांकि माना कि लोकपाल विधेयक को लेकर हजारे के साथ उनका मतभेद है. उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि यह विधेयक ‘कमजोर’ है और मजबूत जनलोकपाल विधेयक के लिए संघर्ष करते रहेंगे.

आप नेता ने कहा कि कई पार्टियों की बड़ी ताकतें उनके और हजारे के बीच दरार पैदा करना चाहती हैं क्योंकि वे मानते हैं ‘‘अगर केजरीवाल और हजारे ने हाथ मिला लिया तो यह परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक हो जाएगा.’’केजरीवाल ने टाइम्स नाउ से कहा, ‘‘हरेक पार्टियों के सभी गलत लोगों ने अपने निहित स्वार्थों की वजह से हमें अलग करने के लिए करोड़ों रपये खर्च किए हैं.’’केजरीवाल ने कहा कि वह जनता के फैसले का सम्मान करेंगे. चाहे वह पार्टी के लिए हो या उसके खिलाफ.

उन्होंने बताया कि इस मामले पर पार्टी में मतभेद है और विधायकों की बैठक के दौरान एक वर्ग का खयाल था कि आप को सरकार बनाने से बचना नहीं चाहिए क्योंकि कांग्रेस उसे बिना शर्त समर्थन दे रही है.

कुछ विधायकों के अनुसार पार्टी अपना एजेंडा लागू कर पाएगी क्योंकि कांग्रेस की तरफ से कोई दखलंदाजी नहीं होगी. केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं व्यक्तिगत रुप से सरकार बनाने के खिलाफ था क्योंकि हमने बार बार कहा है कि हम कांग्रेस अथवा भाजपा को न तो समर्थन देंगे और न ही उनसे समर्थन लेंगे, लेकिन बाद में लोगों के एक वर्ग ने यह कहना शुरु कर दिया कि हमें सरकार बनानी चाहिए, जबकि दूसरा वर्ग इसका विरोध कर रहा था, इसलिए हमने इस बारे में फैसला लेने के लिए जनता के पास जाने का फैसला किया.’’

हालांकि उन्होंने कहा कि दिल्ली में सरकार बनाने का फैसला रविवार की रात को किया जाएगा और इसकी घोषणा सोमवार को होगी.

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