नयी दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लोकपाल विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने को एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए और भी कदम उठाये जाने की जरुरत है.
लोकपाल विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिलने के तत्काल बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर सचमुच में भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं तो इसके लिए फ्रेमवर्क की जरुरत है. हमने आरटीआई (सूचना का कानून) दिया, लोकपाल पारित हुआ लेकिन और भी कदम हैं बड़े कदम हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह कहना चाहता हूं कि एक विधेयक से बात नहीं बनेगी हमें गहराई से फ्रेमवर्क बनाने की जरुरत है. कई विधेयक पाइपलाइन में हैं. इन विधेयकों को पास करने की जरुरत है.’’भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर प्रावधानों वाले बहुचर्चित और दशकों से लंबित लोकपाल विधेयक को आज संसद ने अपनी की मंजूरी दे दी. राज्यसभा मंगलवार को कुछ संशोधनों के साथ इसे पारित कर चुकी है और लोकसभा ने भी आज उन संशोधनों को समाहित करते हुए संशोधित विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया.
इससे पहले लोकसभा में राहुल ने विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि 45 साल से जो नहीं हुआ, वह आज होने जा रहा है. इंदिरा गांधी के समय 1968 में ऐसा विधेयक लाने की शुरुआत हुई थी और आज इसे पारित करके हमें इतिहास बनाने का अवसर मिला है.उन्होंने शीतकालीन सत्र की अवधि और बढाने की मांग की ताकि छह और विधेयक पारित किये जा सकें, जो भ्रष्टाचार रोधी व्यापक ढांचे के तहत हैं. राहुल ने कहा कि लोकपाल विधेयक ही अकेले भ्रष्टाचार से लडने के लिए काफी नहीं है. हमें भ्रष्टाचार रोधी व्यापक संहिता की आवश्यकता है. संप्रग सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी ढांचा तैयार किया है.
उन्होंने कहा कि संप्रग ने आरटीआई लाकर भ्रष्टाचार पर पहली बडी चोट की थी. हमें सत्र संपन्न होने से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई में अधूरे पडे कार्य को पूरा करना चाहिए. भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयक 4 लोकसभा में और 2 राज्यसभा में लंबित हैं. आवश्यकता हो तो क्या हम इस सत्र की अवधि नहीं बढा सकते. राहुल ने कहा कि लोकपाल विधेयक इसी व्यापक ढांचे का हिस्सा है. भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन विधेयक, उत्पाद एवं सेवाओं की समयबद्ध आपूर्ति का नागरिकों का अधिकार, सार्वजनिक खरीद, विदेशी रिश्वत, न्यायिक जवाबदेही और व्हिसल ब्लोअर विधेयक लंबित हैं.