बिहार राज्य शिक्षा अनुसचिवीय कर्मचारी संघ का 48वां राज्य सम्मेलन शुरू
नवादा : बिहार राज्य शिक्षा अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के 48वें राज्य सम्मेलन की शुरुआत राज्याध्यक्ष राम प्रताप वर्मा द्वारा झंडोत्तोलन व शहीद वेदी पर माल्यार्पण कर की गयी. शनिवार से शुरू हुए राज्यस्तरीय सम्मेलन में सभी 38 जिलों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
अभ्यास मध्य विद्यालय में शुरू हुए सम्मेलन के प्रारंभ में स्वागताध्यक्ष रामनरेश प्रसाद सिंह ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि संघर्षो व कुर्बानियों के बल पर संघ लगातार सफलता का परचम लहरा रहा है. राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री ने वादा कर मुकरने में महारथ हासिल की है.
सरकार ने कर्मचारियों द्वारा किये गये 34 दिवसीय व 59 दिवसीय हड़ताल अवधि का उपाजिर्त अवकाश के बदले वेतन नहीं देकर निरंकुश रवैया अपनाया है. 48वें राज्य सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ के मंजूल कुमार दास ने कहा कि जनता की बुनियादी समस्याओं को नजरअंदाज करने के कारण ही देश में समस्याओं की शुरुआत होती है.
नव उदारवादी आर्थिक ताकतों व पूंजीवादी शक्तियों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है. सरकारी कर्मचारियों को बड़े साहबों की करतूत को ढोना पड़ता है. उन्होंने शिक्षा विभाग में निजीकरण व संविदा के आधार पर नौकरी का सख्त विरोध किया. कम वेतन, कम सुविधा, पेंशन, अवकाश, तबादले के अधिकार को समाप्त कर सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि हड़ताल मजदूर, कर्मचारियों का अंतिम हथियार है. इसका संघ बखूबी इस्तेमाल करना जानता है.
उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियां गलत तरीके से लाइसेंस लेने के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही हैं. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2002 से 2012 तक देश में सबसे अधिक घोटालों व भ्रष्टाचार के घटनाएं हुए हैं.
उन्होंने कहा कि 70 लाख करोड़ भारतीय रुपये कालाधन के रूप में विदेशों में जमा हैं. राज्य व केंद्र की सरकार संविदा पर बहाली को प्राथमिकता दे रही है. सरकारी कंपनियों को निजीकरण के नाम पर औने-पौने दामों में बेचा जा रहा है. श्रम कानून को लागू कर ट्रेड यूनियन को बढ़ावा देकर ही इसे रोका जा सकता है. निजी करण व संविदा का सबसे अधिक असर शिक्षा विभाग पर पड़ा है.
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को समाप्त कर 2006 में नियोजन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. कर्मचारियों को जब तक सभी लाभ नहीं मिलेंगे, तब तक संघ पुरजोर तरीके से आवाज उठाता रहेगा. राज्य सम्मेलन में आये अराजपत्रित कर्मचारी संघ के राज्याध्यक्ष शशिकांत राय, महामंत्री राज किशोर राय, सीटू के उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह, सहायक महामंत्री गणपत झा, कृष्णा सिंह, अनुसचिवीय कर्मचारी संघ के संयुक्त मंत्री सिद्धार्थ शंकर शर्मा, राम किशोर वर्मा, अरविंद कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे. संघ के महामंत्री कमलेश्वरी प्रसाद ने अपना महामंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस पर राज्य भर से आये कर्मचारी, प्रतिनिधि रविवार को चर्चा करेंगे.
राज्य सम्मेलन में जिला के शिक्षा पदाधिकारी सैय्यद एहतेशाम हुसैन, डीपीओ अरिंजय कुमार, बालेश्वर प्रसाद यादव ने भी भाग लिया. जिला स्तर पर कर्मी अंजनी कुमार, कृष्णदेव शर्मा, सतीश कुमार, हरदेव चौहान, मनोज चंद्र शर्मा, राजीव रंजन, पुरुषोत्तम कश्यप, बाल्मिकी मांझी, नागेंद्र कुमार, त्रिशुल कुमार, गोपाल कुमार, सुषमा कुमारी चौधरी, विवेकानंद झा आदि सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे.