धनबाद: सीबीआइ एंटी करप्शन विंग ने गुरुवार को पूर्वाह्न 10 बजे धनबाद रेल मंडल कार्यालय के चीफ वेल्फेयर इंस्पेक्टर राज कुमार साह को उनके न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी स्थित क्वार्टर से पांच हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. उसने यह रकम गोमो रेलवे कॉलोनी निवासी मकबूल हुसैन के पुत्र मंजूर आलम की फाइल आगे बढ़ाने के लिए ली थी. मंजूर ने वीआरएस के तहत नौकरी के लिए आवेदन दिया हुआ है. सीबीआइ साह को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी है.
ऐसे दबोचा : शिकायत मिलने के बाद सीबीआइ मंजूर के साथ सीडब्ल्यूआइ साह के क्वार्टर नंबर 103 ए पहुंची. साह ने मंजूर के साथ दो अजनबी (सीबीआइ टीम के सदस्य) को देख पूछा कि ये लोग कौन हैं? मंजूर ने कहा कि हमारे परिचित हैं. इसके बाद उसने सादे कागज में लिपटे पांच हजार रुपये उसके हाथों में दे दिये. इंस्पेक्टर ने जैसे ही रुपया पकड़ा कि सीबीआइ की टीम ने उसे धर दबोचा. उसके बाद घर और डीआरएम ऑफिस के उसके चेंबर की तलाशी ली गयी. साह के घर में अपराह्न दो बजे तक छानबीन की गयी. गिरफ्तार करने के बाद साह को बाइक पर बैठा कर सीबीआइ कार्यालय ले जाया गया. बाइक साह का बेटा चला रहा था.रेलवे के सीडब्ल्यूआइ साह बीच में बैठे हुए थे. पीछे सीबीआइ के अधिकारी बैठे थे.
पिता थे गुड्स ड्राइवर : मंजूर आलम के पिता मकबूल हुसैन गोमो में गुड्स ड्राइवर थे. वर्ष 1996-97 में मेडिकल ग्राउंड पर उन्होंने वोलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) ले लिया. उन्होंने अपने बड़े बेटे को नौकरी के लिए रेलवे में आवेदन दिया, लेकिन उसने इनकार कर दिया. उसके बाद छोटा बेटा मंजूर के लिए आवेदन दिया गया. लेकिन रेलवे ने उसे नौकरी देने से इनकार कर दिया. मंजूर ने कोर्ट में केस किया और कोर्ट से वर्ष 2012 में उसे नौकरी देने का आदेश दिया. 2012 में मंजूर ने डीआरएम ऑफिस में आवेदन दिया. राज कुमार साह ने उससे नौकरी की फाइल को आगे बढ़ाने के लिए पांच हजार रुपया की मांग की.
चीफ वेल्फेयर इंस्पेक्टर राज कुमार साह के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज कर लिया गया है. उसे शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जायेगा. आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. पीके माजी, एसपी, सीबीआइ