कोलकाता: लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष ए के गांगुली का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें गांगुली पर भरोसा है और उनके खिलाफ जो कवायद हुई वह ‘‘अति उत्साह’’ का नतीजा थी. याद रहे कि गांगुली पर एक लॉ इन्टर्न ने यौन शोषण का आरोप लगाया था और उच्चतम न्यायालय के तीन सदस्यीय पैनल ने उन्हें आरोपित किया था.
चटर्जी से पूछा गया कि यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे गांगुली को क्या पश्चिम बंगाल मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनपर भरोसा है..वही फैसला करेंगे कि क्या करना है.’’ आयोग द्वारा विश्व मानव अधिकार दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम से इतर जब चटर्जी से दोबारा यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने तमककर कहा, ‘‘क्या इतना आसान है? सिर्फ इसलिए क्योंकि किसी ने आरोप लगा दिया?’’ कार्यक्रम में गांगुली आयोग के अध्यक्ष के तौर पर मौजूद थे.
उन्होंने कहा, ‘‘सबके अपने अधिकार और मर्यादा है. अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो देश उन्हें सजा दे.’’तीन न्यायाधीशों के पैनल द्वारा गांगुली को आरोपित किए जाने के बारे में चटर्जी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि किस अधिकार से वह इस मामले में पड़े और उसके बाद ऐसे किसी मामले को न छूने की बात कहने लगे.’’चटर्जी ने कहा, ‘‘यह कवायद क्यों की गई? मैं यह नहीं कहूंगा कि यह दुर्भावना का नतीजा थी, मैं कहूंगा कि यह अति उत्साह था.’’‘‘विद्वान न्यायाधीशों के प्रति पूरे सम्मान के साथ, अगर वह देश के सामने यह स्पष्ट कर सकें तो बेहतर होगा.’’