नयी दिल्ली : आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार के गठन के लिए भाजपा को किसी तरह का समर्थन देने की बात खारिज करते हुए आज कहा कि इस संदर्भ में पार्टी नेता प्रशांत भूषण ने जो कुछ कहा वह उनकी व्यक्तिगत राय थी.
पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक में शामिल होने के बाद केजरीवाल ने आज सुबह ट्विटर पर लिखा, ‘‘भाजपा को समर्थन देने का कोई सवाल नहीं है. प्रशांत ने कल जो कहा वह उनकी व्यक्तिगत राय थी.’’ बैठक में यह फैसला लिया गया कि पार्टी ना तो कांग्रेस या भाजपा से समर्थन लेगी ना ही उन्हें समर्थन देगी. भूषण ने कल रात एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था कि अगर भाजपा जनलोकपाल विधेयक पारित करने का लिखित आश्वासन दे तो आप उसे समर्थन देने पर विचार कर सकती है.
उन्होंने आज खुद भी यह साफ करते हुए कहा कि उन्होंने कल रात जो कुछ कहा था वह उनकी व्यक्तिगत राय थी.भूषण ने आज संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने जो कहा वह व्यक्तिगत बयान था. मेरा यह मतलब था कि अगर भाजपा आप जैसी बन जाती है एवं वह चीजें करती हैं जिनके लिए आप का गठन किया गया और जिनमें आप विश्वास करती है तो हम उन्हें समर्थन देने पर विचार कर सकते हैं. लेकिन ऐसा संभव नहीं है क्योंकि ये दल कभी भी आप जैसे नहीं बन सकते.’’ सरकार के गठन को लेकर पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर भाजपा को सरकार बनानी चाहिए और कांग्रेस से समर्थन लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को जनादेश मिला है. वह सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है. इसलिए उसे कोशिश करनी चाहिए और कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बनानी चाहिए.’’ भूषण ने कहा कि पार्टी सरकार के गठन का दावा पेश नहीं करेगी और विपक्ष में बैठना पसंद करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा या कांग्रेस का समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि आप का गठन उनके विकल्प के तौर पर किया गया है. लोगों ने हमारा समर्थन किया ताकि हम देश में एक वैकल्पिक राजनीति की स्थापना कर सके.’’विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद आज भी आप और भाजपा दोनों ही खेमों में चर्चाएं जारी रहीं. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. भाजपा 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है. उसके सहयोगी अकाली दल को 1 सीट मिली है लेकिन तब भी 36 सीटों (बहुमत) के आकंड़े से वह पीछे है.
वहीं दूसरी तरफ आप को 28 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को आठ सीटों से संतोष करना पड़ा. जदयूको एक सीट मिली जबकि एक सीट पर निदर्लीय उम्मीदवार विजयी रहा. भाजपा ने भी कहा है कि वह सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी. दिल्ली में पार्टी मामलों के प्रभारी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कल कहा था, ‘‘हमारे पास संख्या नहीं है. हम किसी भी विधायक को खरीदना नहीं चाहते.’’