नयी दिल्ली : नाजायज संबंध के शक में अपनी पत्नी को जिंदा जलाने के दोषी 44 वर्षीय एक शख्स को दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
दोषी मायादीन के चार बच्चों को देखकर अदालत ने रहम करने का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि उसपर कड़ी कार्रवाई की जाती है तो बड़ा अन्याय होगा क्योंकि इनके बच्चे अपने माता-पिता के बिना बेसहारा हो जायेंगे.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने 40 वर्षीय पीडि़ता मंजू की मौत से पहले दिये गये बयान पर भरोसा किया जो पुलिस जांच में सत्य निकली.अदालत ने कहा कि मजिस्ट्रेट को मृत्यु पूर्व दिए बयान में उन्होंने यह भी कहा कि उसके पति ने उन्हें आग लगायी. जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो उन्होंने पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों को बताया कि उसके पति ने केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी.
न्यायाधीश ने कहा, हालांकि मायादीन ने जो किया वह किसी रहम का हकदार नहीं है और मामले की परिस्थिति को देखते हुए उसे कठोर सजा दी जानी चाहिए. कठोर सजा सुनाये जाने पर 6 और 4 साल की बच्चियों सहित उसके चार बच्चों को देखते हुए मुझे लगता है कि यह अन्याय होगा.