मुजफ्फरपुर: नगर निगम बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक पर ही वार्ड पार्षदों ने सवाल खड़ा कर दिया है. पार्षद राजीव कुमार उर्फ पंकू ने बताया, नियम के अनुसार बैठक की सूचना पार्षदों को एक सप्ताह पहले मिलनी चाहिए. जबकि पांच दिसंबर को नगर आयुक्त की ओर से इस संबंध में पत्र जारी किया गया है. पार्षद राजा विनीत कुमार ने तो बोर्ड की बैठक को अवैध करार दिया है. बैठक में उन्होंने कहा कि नियम को ताक पर रख कर यहां फैसले लिये जा रहे हैं. जो सही नहीं है. एजेंडा से अलग सवालों पर जो भी निर्णय लिये गये हैं, वह मान्य नहीं होंगे. क्योंकि नियम के तहत पार्षदों को समस्या या सवाल बोर्ड के समक्ष रखना है. उसकी अनुमति बैठक से 48 घंटे पहले लेनी है.
महिला पार्षदों ने पुरुष पार्षद को चेताया : अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर महिला पार्षद बैठक मेंबरस पड़ीं. बैठक में पुरुष पार्षदों के काफी देर बोलने के बाद महिला पार्षदों को मौका मिला. उन्होंने जब बोलना शुरू किया तो पार्षद राजा विनीत कुमार भी लगातार बोले जा रहे थे. इस पर हस्तक्षेप के लिए एक साथ कई महिला पार्षद उन पर बरस पड़ीं. पार्षद ममता सिंह, आभा रंजन, अर्चना पंडित ने इसका जम कर विरोध किया. साथ ही चुप रहने की नसीहत दी.
राजा विनीत कुमार को ही प्रतिवेदन क्यों : बैठक के दौरान उस समय हंगामा और तेज हो गया जब यह बात सामने आयी कि विकास कार्यो से जुड़ा प्रतिवेदन राजा विनीत कुमार सहित इक्का-दुक्का पार्षदों को भेजा गया है. इस पर राजीव कुमार उर्फ पंकू व संजय पासवान सहित कई पार्षदों ने विरोध जताया. राजीव कुमार ने कहा, क्या सिर्फ राजा विनीत ही पार्षद हैं. बाकी पार्षदों को रिपोर्ट क्यों नहीं भेजी गयी. जबकि पिछली बैठक में ही तय हुआ था कि सभी 49 पार्षदों को रिपोर्ट भेजी जायेगी. हालांकि नगर आयुक्त ने कहा कि जल्द ही सभी पार्षदों को रिपोर्ट भेज दी जायेगी.
पार्षद ने माफी मांगी : सफाई कार्य व सफाई कर्मचारियों की बहाली के मामले में बोलने के क्रममें पार्षद दीपलाल राम जाति सूचक शब्द बोल गये. इसका सभी सदस्यों ने कड़ा विरोध किया. सभी पार्षद माफी मांगने की बात पर अड़ गये. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पार्षद दीप लाल राम ने क्षमा याचना की, जिसके बाद कार्यवाही आगे बढ़ी.
नये वेपर की जांच के लिए कमेटी गठित
शहर में लगाये जा रहे नये वेपर की गुणवत्ता को लेकर बोर्ड की बैठक में एक बार फिर जोरदार हंगामा हुआ. पार्षद शीतल गुप्ता व विजय कुमार झा ने कहा, शहर में लगाये जा रहे नये वेपर में लोकल कंपनी का सामान लगाया जा रहा है. नया वेपर भी खराब हो रहा है. इसके अलावा हर वार्ड में वेपर खराब पड़े हैं. मरम्मत करने वाली एजेंसी निगम की आंखों में धूल झोंक रही है. इसके बाद इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी में पार्षद आनंद कुमार महतो, शीतल गुप्ता, मोहम्मद अंजार, विजय कुमार झा व जलकार्य अधीक्षक उदय शंकर प्रसाद सिंह को शामिल किया गया है.
विशेष वार्ड की मांग
वार्ड-49 की पार्षद कृष्णा देवी ने अपने क्षेत्र को विशेष वार्ड का दर्जा देने की मांग की है. पार्षद ने बताया कि वार्ड में मात्र दो सफाई कर्मचारी हैं. जबकि यह सबसे बड़ा वार्ड है. पंचायत से कट कर यह वार्ड बना था. इस वार्ड में करीब डेढ़ सौ कच्ची सड़कें हैं. जबकि वार्ड के लोग टैक्स दे रहे हैं.
हर वार्ड को मिलेंगे पर्याप्त संसाधन
सफाई उपकरण नहीं उपलब्ध कराये जाने को लेकर सभी पार्षद एक साथ सिटी मैनेजर राजेश कुमार झा पर भड़क गये. पार्षदों का कहना था कि निदान के जाने के बाद सफाई उपकरणों को दिये जाने को लेकर जो किया गया वादा पूरा नहीं किया गया. पार्षद अंचल कार्यालय में सफाई की सारी व्यवस्था व उपकरण उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे. मामले में नगर आयुक्त ने सिटी मैनेजर को पार्षदों से लिस्ट लेने के बाद पर्याप्त कुदाल, बेलचा व अन्य उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. इसके अलावा नये वर्ष पर जुब्बा सहनी पार्क के सौंदर्यीकरण को लेकर एस्टिमेट बनाने का निर्देश दिया है.
इन पर हुई चर्चा
पार्षद इकबाल कुरैशी व दीपलाल राम ने शहर में आवारा पशुओं पर रोक लगाने को लेकर सवाल उठाया
रामनाथ प्रसाद गुप्ता ने पूछा कि आखिर शहर से निकलने वाला कूड़ा कहां डंप होता है.
पार्षद रिजवाना खातून ने कहा, उनके वार्ड में मानक के अनुसार निर्माण नहीं कराया जा रहा है.
पार्षद रंजू सिन्हा ने कहा, उनके वार्ड में आज तक वेपर नहीं बना
जेल चौक चंदवारा में पानी की समस्या पर नहीं हुआ कोई निर्णय
वार्ड-20 की पार्षद रागिनी देवी ने कहा कि उनके वार्ड में सफाई ठप, नहीं है पर्याप्त संसाधन
– पार्षदों को भत्ता दिये जाने की उठी मांग
– अगली बैठक से उपस्थित रहेंगे सभी विभाग के प्रतिनिधि
– मार्च से पहले आवारा पशुओं पर रोक लगाने के लिए की जायेगी बंदोबस्ती