नयी दिल्ली : पढाई के लिए ब्रिटेन जाने वाले भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में गिरावट के बीच ब्रिटेन सरकार ने आज कहा कि पढाई के लिए आने वालों पर किसी तरह की सीमा नहीं है और उनका स्वागत है. ब्रिटेन के व्यापार मंत्री विंस केबल ने कहा कि हजारों भारतीय विद्यार्थी पढाई के लिए उनके देश आते हैं.
उन्होंने यहां कहा, भारतीय विद्यार्थियों की संख्या में उस समय गिरावट आ रही है जबकि चीन से विद्यार्थियों की संख्या बढी है. केबल ने कहा, हम जानते हैं कि इसका कारण क्या है. कुछ लोगों को लगता है कि ब्रिटेन में इनका स्वागत नहीं हो रहा. लेकिन वास्तव में उनका स्वागत है और संख्या पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है. वह भारत-ब्रिटेन संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति :जेटको: की बैठक में भाग लेने के लिए यहां आए हैं. पढाई के लिए ब्रिटेन जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 2009 में 60,000 थी.
उन्होंने कहा कि स्नातक के बाद विद्यार्थी रोजगार पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन, कौशल प्रशिक्षण में भारत की मदद कर सकता है. एक अनुमान के अनुसार भारत को 2022 तक 50 करोड़ दक्ष कामगारों की जरुरत होगी.इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि 500 आईटीआई पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं और 1500 नये आईटीआई तथा 5000 कौशल विकास केंद्र साल भर में स्थापित किए जाएंगे.
शर्मा ने कहा कि दोनों देश एयरोस्पेस, इस्पात उद्योग, बिजली तथा इलेक्ट्रानिक्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढा सकते हैं. बाली में डब्ल्यूटीओ की बैठक पर उन्होंने कहा कि इस संगठन के इतिहास में पहली बार सकारात्मक परिणाम आया है.